आगरा के कटघर स्थित एस्सार गेस्ट हाउस में आग बुझाने के उचित इंतजाम नहीं थे। बिना फायर एनओसी के ही संचालन हो रहा था। पहली और दूसरी मंजिल पर जाने के लिए एक ही सीढ़ी बनी थी। सीढि़यां रिसेप्शन वाले हाॅल से ही होकर जा रही थीं। आग लगने पर धुआं ऊपर के कमरों में भर गया। दमकलकर्मी पहुंचे तो लोग चीख रहे थे। तीसरी मंजिल की छत पर चढ़कर कूदने की कोशिश में लगे हुए थे। अगर समय पर दमकलकर्मी नहीं पहुंचते तो बड़ा हादसा हो सकता था।
अग्निशमन विभाग की जांच में पता चला कि होटल में ओडिशा के 15 पर्यटकों का दल आया हुआ था। इसके बाद 10 लोग महाराष्ट्र के आ गए। वह अजमेर होकर आए थे। इसके बाद आगे घूमने के लिए जा रहे थे। एक रात के लिए कमरा लिया था। इसके अलावा 6-7 विद्यार्थी अलग-अलग परीक्षा देने के लिए आए थे। दमकलकर्मी जब आग की सूचना पर पहुंचे तो दो दर्जन लोग तीसरी मंजिल पर छत पर चढ़े हुए थे। वह धुएं से घबरा रहे थे। गेस्ट हाउस के बगल में एक दो मंजिला मकान बना था। उसकी छत भी एक मंजिल नीचे थी। इस पर कूदने की कोशिश में लगे थे। अगर दमकलकर्मी समय पर नहीं आते तो लोगों की जान भी जा सकती थी। एक घंटे तक चले बचाव अभियान में फंसे 35 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
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पर्यटक को लाते दमकलकर्मी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
एक ही सीढ़ी से हुई परेेशानी
गेस्ट हाउस में एक ही सीढ़ी से रास्ता बना हुआ था। आग लगने के बाद धुआं भर गया। बिजली गुल होने की वजह से अंधेरा हो गया। इससे भूतल से पहली और दूसरी मंजिल से ऊपर-नीचे नहीं आ पा रहे थे। दमकलकर्मियों को भी आग बुझाने में दिक्कत का सामना करना पड़ा। गेस्ट हाउस में आग लगने की घटना पर बड़ी संख्या में लोग आ गए। उन्होंने बचाव कार्य में मदद की। पास ही मोहल्ला था। वहां से भी लोग पहुंच गए। हालांकि पुलिस ने लोगों को दूर कर दिया।
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छत से उतारा गए लोग
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बरतें सावधानी
सीएफओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि सर्दी में लोग अलाव जला लेते हैं। इसे अपने सोने वाले स्थान पर रख लेते हैं। इस दाैरान सावधानी बरतने की जरूरत है। जिस जगह पर अलाव रखें, वहां पर कपड़े और फर्नीचर नहीं होना चाहिए। सोने से पहले अलाव को पानी डालकर बुझा दें। इसे कमरे से बाहर रखें। इसके साथ ही हीटर चालू करने के बाद भी सोना नहीं चाहिए। वायरिंग भी उचित होनी चाहिए, जिससे आग लगने का खतरा न रहे। अलाव बंद कमरे में रखकर नहीं जलाएं।
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गेस्ट हाउस
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
ये लोग बचाए गए
दमकलकर्मियों ने महाराष्ट्र, ओडिशा के लोगों को बचाया। इनमें महाराष्ट्र के अरावाज, नाजिम खान, शेख अजीम, सैय्यद अजीम, रिहान, ओमान, ओडिशा के अशोक कुमार, लिगराज पांडा, सुधीर पाणिग्रही, पुष्पांजलि पाणिग्रही, साहिब विराज पांडा, अधिकाश दास, जग्गी श्री पानी गिरे, नारायण पांडा, प्रकाश पानी, फैजान और तमकीम को निकाला गया। वहीं रेस्क्यू करने वाली टीम में अग्निशमन द्वितीय अधिकारी अभिषेक कुमार के अलावा उदयभान सिंह, महेश चंद्र यादव, दलवीर सिंह, विशेष सिंह, गाैरव डांगर, बिजनेस कुमार, अभय यादव, मुन्ना सिंह, मीनू खां, अजय कुमार, नाजिम, अभिषेक शर्मा, विमल कुमार आदि शामिल रहे।
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गेस्ट हाउस में आग
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बिना फायर एनओसी चल रहे दर्जनोंहोटल और गेस्ट हाउस
शहर के सिकंदरा, न्यू आगरा, एत्माद्दाैला, जगदीशपुरा, रकाबगंज, शाहगंज, ट्रांस यमुना, हरीपर्वत इलाके में दर्जनों होटल और गेस्ट हाउस संचालित हो रहे हैं। इन होटलों में मानकों की भी अनदेखी की जा रही है। आग बुझाने के इंतजाम नहीं होते हैं। फायर एनओसी भी चंद होटलों के पास ही है। विभागीय अधिकारियों को हादसों के बाद चेकिंग की याद आती है। इसके बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। सीएफओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि होटलों में सुरक्षा इंतजाम लगातार चेक किए जाते हैं।