
गो आश्रयस्थल में गायों की स्थिति
– फोटो : Amar Ujala
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गोवंश को आश्रय देने के लिए सरकार ने जिले में 24 अस्थायी गो आश्रय स्थल बनाए हैं, लेकिन आश्रय स्थल संचालन कमेटियां पशुओं की देखभाल में तमाम अनियमितता बरत रही हैं। कुछ आश्रय स्थल पर कर्मचारियों की संख्या घटा दी गई है तो कुछ जगह गायों को महीनों से हरा चारा नहीं मिला है। चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में लगातार गोवंश की मौत हो रही है।
रविवार को अमर उजाला की टीम ने अस्थायी गो आश्रय स्थल कपसाड़ की पड़ताल में यह खुलासा हुआ है। सरधना स्थित श्रीगोशाला कपसाड़ में ही गो आश्रय स्थल का निर्माण किया गया। तीन अलग-अलग स्थानों पर 198 गायों को यहां रखा गया है। ज्यादातर गायों की हडि्डयां चमक रही थीं। खोर में सूखा भूसा डाला गया था। सही ढंग से सानी न होने के कारण ज्यादातर गाय भूखी थीं। यहां कार्यरत कर्मचारी ने बताया कि दो माह से हरा चारा नहीं मिला है।
बारिश के कारण आश्रय स्थल के बाहर आसपास के क्षेत्रों में भी उगाया गया चारा भी खराब हो गया है। 198 गायों की देखभाल के लिए सिर्फ एक कर्मचारी तैनात मिला। गो आश्रय स्थल में एक बछड़ा मरणासन्न पड़ा था। एक सांड़ खुले में बुग्गी के नीचे मरणासन्न अवस्था में था। यहां कई गोवंश बीमार मिले जिन्हें अन्य पशुओं से अलग रखा गया था। कर्मचारी ने बताया कि पशु चिकित्सक 10 से 15 दिन में आते हैं।