Chandausi Ganesh Chauth: city echoed praises of Lord Gajanan, 1.25 lakh devotees participated Rath Yatra

चंदौसी में निकाली गई रथयात्रा
– फोटो : संवाद

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चंदौसी में मंगलवार को गणेश चौथ पर उत्तर भारत की सबसे बड़ी और भव्य रथयात्रा निकाली गई। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने फीता काटकर रथयात्रा की शुरुआत की। यात्रा में शामिल 17 झांकियां और 36 कलाकृतियों को देखने के लिए करीब सवा लाख श्रद्धालु उमड़े।

सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। अंत में गणेश की मुख्य प्रतिमा की डीएम मनीष बंसल व एसपी कुलदीप सिंह गुनावत ने आरती की। मुंबई के बाद चंदौसी में गणेश चतुर्थी पर भगवान गणपति की विशाल रथयात्रा निकाली जाती है।

नगर में निकाली गई रथयात्रा में सबसे आगे इस्लामनगर से आए तड़वड़िया निकाले गए। इसके पीछे चंदौसी ढोल और सभी को हंसते-हंसाते गुड्डा-गुडिया की झांकी और भगवान शिव की साईं पालकी निकाली गई। यात्रा में भगवान शिव का अघोरी रूप आकर्षण का केंद्र रहा।

शिव-पार्वती की झांकी ने लुभाया

शाहबाद, बिलारी के ढोल पर श्रद्धालु जमकर थिरके। भगवान शिव-पार्वती की झांकी ने सभी को लुभाया। धरती का उद्धार करते वराह भगवान व मां सरस्वती की झांकी और सफेद हंस पर सवार गणेशजी की छटा देखते ही बन रही थी। पूना बैंड पर बज रहे भक्ति संगीत ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया है।

विजय बैंड के पीछे चल रही बाबा खाटूश्याम की झांकी सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रही थी। गणेश चूहा की झांकी ने सभी को आकर्षित कर दिया है। हाथ पैर चलाता विशालकाय चूहा और उसके आगे रस्सी में नथ कर अपने साथ ले जाते गणेशजी महाराज मनमोहक लग रहे थे।

मेरठ के ढोल पर झूम श्रद्धालु

बिलारी शाहबाद की झांकी के पीछे मेरठ के ढोल पर श्रद्धालु खूब झूमे। मां दुर्गा और घरेलू सामान से सजी बाहुबली हनुमान की झांकी बहुत सुंदर लग रही थी। इसमें साबुन, शैम्पू से लेकर तेल की शीशी और बर्तन साफ के जूना शामिल थे।

हवा में खेलते हनुमान और उनके ऊपर बैठे गणेशजी की स्वचालित झांकी से नजर नहीं हट रही थी। राफेल लडाकू विमान, तोप, सैनिक और भारत मात की झांकी में देशभक्ति की झलक दिखाई दी। इसके बाद झांकी में मक्खन मथ्ते हुए गणेश जी को दिखाई गया। स्वचालित झांकी ने उसे जीवंत कर दिया।

आर्टिफिशियल कौड़ी से बनी थी गणेशजी की झांकी

माता महाकाली पांच मुखों का विशाल रूप उनकी शक्ति को प्रदर्शित कर रहा था। भगवान शिव के नृत्य करती झांकी ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया। महाकाल की पाल सजाई गई। कारसेवक कंधे पर लेकर चले। इसके बाद महाप्रभु गणेश की झांकी रही।

यह झांकी आर्टिफिशियल कौड़ी से सजाई गई। चूहे पर सवार गणेश मनमोहक लग रहे थे। इसके बाद स्मृति रथ पर डॉ. गिरिराज किशोर गुप्ता का चित्र था। संकीर्तन हरे रामा हरे कृष्णा के पीछे महारथ महाप्रभु गणेश जी थे और सबसे पीछे प्रसाद वाहन चल रहा था।

इन मार्गों से होकर निकली रथयात्रा

गणेश चतुर्थी पर सीता रोड स्थित गणेश मंदिर से भगवान गणेश की रथयात्रा निकाली गई। यह गणेश मंदिर से शुरू होकर मनिहार चौक, मोहल्ला सुंदर, बिसौली गेट, पुरानी पैंट, बड़ा बाजार, घंटाघर, फड़वाई बाजार, ब्रह्म बाजा, कैथल गेट, मेला ग्राउंड के पास से गुजरती हुई पुन: गणेश मंदिर पर जाकर समाप्त हुई।



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