Muzaffarnagar  चरथावल कस्बे में सोमवार को उस समय बड़ी सनसनी फैल गई जब थाना चरथावल पुलिस ने एक गुप्त गोदाम में अवैध पटाखों के निर्माण और भंडारण का बड़े पैमाने पर खुलासा किया। यह खुलासा न केवल क्षेत्र में illegal firecracker manufacturing के गहरे नेटवर्क को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि दीवाली और अन्य मौकों पर बारूद का यह कारोबार कितनी चुप्पी और खतरे के बीच फलता-फूलता रहा है।

इस कार्रवाई को अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ ज़ोन, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहारनपुर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा, पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत, क्षेत्राधिकारी सदर डॉ. रविशंकर और थाना प्रभारी चरथावल सत्यनारायण दहिया के निर्देशन एवं पर्यवेक्षण में संचालित किया गया।

किरायेदारों और नौकरों के सत्यापन अभियान के दौरान मिली यह सूचना चरथावल पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुई।


सूचना मिलते ही पुलिस की तेज़ कार्रवाई—गोदाम में चल रहा था खतरनाक विस्फोटक निर्माण

थाना चरथावल पुलिस टीम क्षेत्र में किरायेदार और नौकर सत्यापन अभियान चला रही थी। इसी दौरान एक विश्वसनीय मुखबिर ने बताया कि कस्बा चरथावल के पावटी रोड स्थित एक गोदाम में भारी मात्रा में पटाखों का अवैध निर्माण किया जा रहा है
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी ने अपनी टीम के साथ बिना देर किए गोदाम पर छापेमारी की।

जैसे ही दरवाज़ा खुला, पुलिस टीम सन्न रह गई—

  • चारों ओर बारूद की तीखी गंध

  • ज़मीन पर बिखरे विस्फोटक पदार्थ

  • अधबने पटाखों के ढेर

  • रंग-बिरंगे लेबल

  • कैमिकल से भरे कट्टे और ड्रम

यह सब स्पष्ट रूप से दर्शाता था कि यह कोई छोटा-मोटा सेटअप नहीं, बल्कि illegal firecracker manufacturing का संगठित और लगातार सक्रिय अड्डा था।


गिरफ्तार हुआ मुख्य अभियुक्त—अरशद पुत्र रियासत, तीरगरान निवासी

छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से अभियुक्त अरशद पुत्र रियासत, निवासी मोहल्ला तीरगरान, कस्बा व थाना चरथावल को गिरफ्तार कर लिया।
पकड़े गए अभियुक्त से प्रारंभिक पूछताछ के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है।

पुलिस अधिकारी इसे एक बड़ा पकड़ा गया नेटवर्क मान रहे हैं, जो संभवतः कई शहरों में पटाखों की सप्लाई कर रहा था।


क्या-क्या बरामद हुआ? पुलिस ने जब्त की भारी मात्रा में पटाखे और विस्फोटक सामग्री

पुलिस द्वारा की गई तलाशी में जो सामग्री बरामद हुई, वह किसी बड़े अवैध कारोबारी सेटअप का प्रमाण देती है। बरामद सामग्री में शामिल है—

  • 1600 तैयार अनार पटाखे

  • 25 किलो रुई पाउडर

  • 05 प्लास्टिक कट्टों में करीब 1600 अधबने अनार

  • 10 किलो लाल मिट्टी

  • 15 किलो चिपकन पदार्थ

  • 100 फ्यूज़ (बत्ती)

  • 11 गत्ते की पेटियां

  • 94 बंडल कच्चा माल, प्रत्येक में 37 रंग, कुल 3778 पीस

  • गत्ता लेबल – 500

  • सील पैकिंग मशीन – 08, साथ में 8 लोहे की डाई

  • लगभग 200 स्टिकर—काला, पीला, गोल्डन, नीला आदि

  • काला चिंगारी लोहा कैमिकल – 05 किलो

  • शोरा सफेद कैमिकल – 03 किलो, अलग-अलग पॉलिथिन में

  • 02 छलनी (कैमिकल छानने के लिए)

  • 01 सफेद प्लास्टिक बाल्टी

  • फायर सेफ्टी सिलिंडर – 03

ये सभी सामग्री इस बात का प्रमाण हैं कि यहां बड़े पैमाने पर illegal firecracker manufacturing चल रही थी, जिसमें विस्फोट की आशंका किसी भी क्षण गंभीर हादसा कर सकती थी।


पुलिस टीम की विशेष भूमिका—कड़ी निगरानी में पकड़ में आया पूरा रैकेट

इस कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम में—

  • प्रभारी निरीक्षक सत्यनारायण दहिया

  • उपनिरीक्षक तेजवीर सिंह

  • कांस्टेबल राहुल गिरी

  • कांस्टेबल तेजेन्द्र धामा

इनकी त्वरित प्रतिक्रिया और समय पर हस्तक्षेप के कारण एक संभावित बड़े हादसे को टाला जा सका।

विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह के गोदामों में दुर्घटना की आशंका हर पल बनी रहती है, और ऐसे रैकेट की पहचान कर उसे समय रहते पकड़ना एक बड़ी उपलब्धि है।


अवैध पटाखा कारोबार—फस्ट फायर प्रॉफिट का ब्लैक मार्केट और बढ़ते खतरे

हर साल त्योहारों के दौरान बाजार में अनगिनत पटाखे आते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या illegal firecracker manufacturing के जरिए तहखानों और गोदामों में तैयार किए जाते हैं।
इनमें न तो कोई सुरक्षा मानक अपनाए जाते हैं, न ही सरकारी अनुमति होती है।
इससे—

  • विस्फोट का खतरा

  • आगजनी की संभावना

  • मानव जीवन पर सीधा खतरा

  • क्षेत्रीय सुरक्षा व्यवस्था पर भारी दबाव

चरथावल में पकड़ा गया यह रैकेट बिल्कुल ऐसे ही खतरनाक नेटवर्क का उदाहरण है, जो चोरी-छिपे जानलेवा पटाखे तैयार कर बाजार में फैला रहा था।


सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी और अगली कार्रवाई

पुलिस के अनुसार पकड़े गए अभियुक्त से पूछताछ जारी है और इस कार्रवाई के बाद अन्य संभावित स्थानों को भी चिह्नित किया जा रहा है।
अनुमान है कि आने वाले दिनों में और भी छापेमारी हो सकती है।

पुलिस ने स्पष्ट किया कि चरथावल क्षेत्र समेत पूरे जनपद में illegal firecracker manufacturing या भंडारण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


चरथावल थाना पुलिस की इस समय रहते की गई कार्रवाई ने न केवल अवैध पटाखा फैक्ट्री का पर्दाफाश किया, बल्कि क्षेत्र में बड़े हादसे की संभावना को भी खत्म कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में चल रही यह मुहिम आने वाले दिनों में ऐसे सभी गोदामों और नेटवर्क के खिलाफ और भी कड़ी होने वाली है। बढ़ती सतर्कता और लगातार जारी सत्यापन अभियान से उम्मीद जताई जा रही है कि पूरे जनपद में अवैध विस्फोटक निर्माण की जड़ें अब तेजी से कमजोर होंगी।

 



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