Muzaffarnagar जनपद के थाना जानसठ क्षेत्र में बीती रात एक नाटकीय मुठभेड़ में तीन कुख्यात अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा। पुलिस की सतर्कता और मुखबिर की सटीक सूचना ने एक बड़ी वारदात को होने से पहले ही रोक दिया। मुठभेड़ के दौरान फायरिंग में एक बदमाश को गोली लगी है, जिसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस की इस कार्रवाई को क्षेत्र में अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।


खुफिया सूचना से हुआ खुलासा, चोरी की बड़ी योजना थी तैयार

पुलिस को सूचना मिली थी कि बिजली घर जानसठ से सलारपुर रजवाहे की ओर तीन संदिग्ध व्यक्ति चोरी की योजना बना रहे हैं। जैसे ही थाना जानसठ पुलिस टीम मौके पर पहुंची, मुखबिर ने इशारा किया कि सामने बैठे तीन व्यक्ति ही वह संदिग्ध हैं, जो रात में चोरी करने वाले हैं। पुलिस टीम ने जब उन्हें दबोचने की कोशिश की, तो उन्होंने अचानक फायरिंग शुरू कर दी और जंगल की ओर भागने लगे।


पुलिस पर जानलेवा हमला, जवाबी फायरिंग में एक बदमाश घायल

तीनों अपराधियों ने पुलिस टीम पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग की। हालांकि, पुलिस ने हिम्मत नहीं हारी और जवाबी फायरिंग करते हुए जंगल की ओर रुख किया। इसी दौरान एक बदमाश महताब पुत्र पोटल निवासी खाई खेड़ी, थाना पुरकाजी को गोली लग गई और वह घायल हो गया। उसे तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। अन्य दो अभियुक्तों को पुलिस ने सघन कांबिंग कर जंगल से गिरफ्तार किया।


अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास, दिन में रेकी, रात में चोरी

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान महताब पुत्र पोटल (घायल), राजीव उर्फ राजू उर्फ दीवान पुत्र सुरेश निवासी तीसोत्र, थाना नागल, जिला बिजनौर और पवन पुत्र कल्याण निवासी जबलपुर, थाना पुरकाजी के रूप में हुई है। पूछताछ में इन शातिर बदमाशों ने बताया कि वे दिनभर अलग-अलग क्षेत्रों में रेकी करते थे और रात को सुनसान घरों में चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। इस बार उन्होंने जानसठ क्षेत्र में चोरी की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते वह योजना फेल हो गई।


बरामद हुए हथियार, पुलिस ने की अग्रिम कार्यवाही शुरू

पुलिस ने तीनों अपराधियों के कब्जे से दो तमंचे, दो जिंदा और दो खोखा कारतूस 315 बोर के बरामद किए हैं। यह भी संकेत मिल रहे हैं कि गिरोह में और सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। थाना जानसठ पुलिस अभियुक्तों के विस्तृत आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटा रही है और अन्य संभावित साथियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।


वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में हुआ पूरा ऑपरेशन

यह मुठभेड़ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के निर्देश, अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन और पुलिस उपमहानिरीक्षक सहारनपुर परिक्षेत्र के निर्देशन में सफलतापूर्वक अंजाम दी गई। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल, क्षेत्राधिकारी जानसठ और प्रभारी निरीक्षक थाना जानसठ इस अभियान की निगरानी कर रहे थे। मुठभेड़ और गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए उन्होंने बताया कि किसी बड़ी वारदात से पहले अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए गर्व की बात है।


पुलिस टीम का साहस, क्षेत्र में बनी चर्चा का विषय

गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम में उप निरीक्षक मोहित कुमार तेवतिया, उप निरीक्षक पुष्पेंद्र चौहान, हेड कांस्टेबल जीत सिंह, अमित कुमार, कांस्टेबल अनुज कुमार और अलीमुद्दीन ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई। इन पुलिसकर्मियों की तत्परता और साहसिक कार्रवाई की प्रशंसा जनपद भर में की जा रही है।


चोरी की वारदातों पर लगाम की उम्मीद, पुलिस का बड़ा संदेश

इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि मुजफ्फरनगर पुलिस अब अपराध और अपराधियों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपना रही है। पिछले कुछ महीनों में चोरी और लूट की घटनाएं जिस तेजी से बढ़ी थीं, उसने आमजन में डर पैदा कर दिया था। लेकिन इस मुठभेड़ और गिरफ्तारी ने न सिर्फ पुलिस की साख को मजबूत किया है बल्कि अपराधियों को भी सख्त चेतावनी दी है कि अब बचना आसान नहीं होगा।


राजनीतिक हलकों से भी मिली सराहना, पुलिस की पीठ थपथपाई

घटना के बाद राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भी पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। लोगों ने सोशल मीडिया पर पुलिस टीम को बधाइयों से नवाजा है और ऐसे ही अभियान जारी रखने की मांग की है। वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों ने भी टीम को सम्मानित करने की घोषणा की है।


क्राइम कंट्रोल के लिए तकनीक और खुफिया सूचना का उपयोग बढ़ा

पुलिस अब आधुनिक तकनीक, डिजिटल सर्विलांस और खुफिया नेटवर्क के सहारे अपराधियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है। मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन सर्वे जैसे उपाय अब पुलिसिंग का अहम हिस्सा बन चुके हैं। यही कारण है कि ऐसी योजनाएं अब अंजाम तक नहीं पहुंच पा रहीं।


लंबे समय से वांछित थे आरोपी, कई थानों में दर्ज हैं मामले

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि पकड़े गए अभियुक्तों पर विभिन्न थानों में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। राजीव उर्फ राजू पर तो पहले भी कई बार गैंगस्टर एक्ट लगाया जा चुका है। पुलिस अब इनके गिरोह के नेटवर्क को खंगाल रही है ताकि इनकी पूरी श्रृंखला का पर्दाफाश किया जा सके।


पुलिस की बढ़ती दबिश से बदमाशों में हड़कंप

इस तरह की लगातार कार्रवाई से अब अपराधियों में डर का माहौल बन रहा है। शहर से लेकर गांव तक में अपराधियों की धरपकड़ से यह स्पष्ट संकेत गया है कि पुलिस अब पूरी तरह सक्रिय और सख्त हो चुकी है। यही वजह है कि कई पुराने अपराधी अब या तो भूमिगत हो गए हैं या क्षेत्र छोड़ चुके हैं।


अंतिम शब्द: पुलिस का सख्त संदेश – अपराधियों के लिए नहीं है जगह

मुजफ्फरनगर पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अपराधियों के लिए अब इस ज़िले में कोई जगह नहीं बची है। अपराध की योजना बनाने से पहले अब उन्हें सौ बार सोचना होगा, क्योंकि पुलिस हर कदम पर नजर रखे हुए है। अपराधियों को पकड़ने वाली टीम को सम्मानित करने की तैयारी की जा रही है और जनता में इस कार्रवाई से सुरक्षा का भाव और मजबूत हुआ है।



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