
दुर्गा बाई ने दी नव साक्षर परीक्षा
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नानी मेरी न्यारी है, सब दुनिया से प्यारी है। मुझको रोज पढ़ाती है। होमवर्क करवाती है, समझ ना आए कोई पाठ तो बिन मारे समझाती है…। बचपन में नानी की ये कहानी तो हम सबने सुनी होगी। लेकिन, आपको ये पता चले कि 81-82 साल की एक नानी खुद पढ़ाई कर रही हैं, वह अपना होमवर्क भी खुद ही करती हैं तो शायद यकीन नहीं होगा। पर, ये बिल्कुल सच है।
झांसी के टोड़ीफतेहपुर की पोस्ट पंडवाहा में ब्रसिंहपुरा गांव में रहने वाली ये नानी न सिर्फ इस उम्र में खुद पढ़ाई कर रही हैं, बल्कि वह अपने घर-परिवार और गांव के लोगों को भी पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित करती हैं, वह गांव के बुजुर्गों को भी समझाती रहती हैं कि पढ़ाई के कौनऊं उमर नईं होत है, भैया जौ पढ़ लैहो तो कौऊ तुमें सिर्री ना बना पैहे।
ये नानी इस उम्र में भी अपने खेत की सैर करने जाती हैं, खूब चने भी चबाती हैं। इतना ही नहीं परिवार के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं या नहीं, इस बात का भी पूरा ध्यान रखती हैं। इन्होंने रविवार को नव साक्षर परीक्षा भी दी है।
इन नानी का नाम है दुर्गाबाई। इनका जन्म 81-82 साल पहले पंडवाहा के ब्रसिंहपुरा गांव से तकरीबन 10-12 किलोमीटर दूर कुटौरा गांव में हुआ था। इनकी शादी ब्रसिंहपुरा गांव में नाथूराम विश्वकर्मा के साथ हुई थी। जिनकी 26 साल पहले मृत्यु हो चुकी है। दुर्गाबाई की एक बेटी कौशल्या देवी हैं, जो अपने पति किसान शिवप्रसाद और अपने पांच बेटों, एक बेटी और बहुओं व उनके बच्चों के साथ मां दुर्गाबाई के साथ ही रहती हैं।