भाद्र शुक्ल पक्ष की जन्माष्टमी के अवसर पर Muzaffarnagar के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। नगर के सभी प्रमुख मंदिरों में विशेष सजावट और झांकियों के माध्यम से इस पावन पर्व को और भव्य बनाया गया। मंदिरों की दीवारों, प्रांगण और गुम्बद रंग-बिरंगी लाइट्स और झालरों से जगमगाए।
शहर के प्रमुख मंदिरों की सजावट और झांकियां
नई मंडी, भरतिया कॉलोनी स्थित श्री बालाजी धाम, श्री गणपति खाटू धाम मंदिर, गांधी कॉलोनी स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, श्री गोलोकधाम, वैष्णोदेवी मंदिर, नदी घाट स्थित प्राचीन देवी मंदिर, पुलिस लाइन स्थित मंदिर और नगर कोतवाली, नई मंडी कोतवाली आदि थानों के मंदिरों को विशेष सजावट से सजाया गया। कई मंदिरों में झांकियां लगाई गईं और कुछ मंदिरों में अमरनाथ गुफा का दृश्य भी बनाया गया, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
बच्चों और परिवारों का उत्सव में सहभाग
माता-पिता व परिजनों के साथ मंदिर दर्शन करने आए नन्हे-मुन्ने बच्चों ने भी उत्सव का भरपूर आनंद लिया। बच्चों ने विशेष रूप से अमरनाथ गुफा का दृश्य देखा और मंदिरों की झांकियों को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। इस प्रकार मंदिरों का माहौल पारिवारिक और भक्तिमय दोनों रहा।
पुलिस और प्रशासन की व्यापक तैयारी
नगर के एसएसपी संजय वर्मा के निर्देश पर सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया गया। मंदिरों के आसपास पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहा। महिला पुलिसकर्मियों की भी विशेष तैनाती की गई ताकि सुरक्षा और महिलाओं के सुविधा का ख्याल रखा जा सके।
नगर पालिका ने जन्माष्टमी पर्व को देखते हुए सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की और मंदिरों के आसपास कीटनाशक का छिड़काव भी कराया। विद्युत विभाग ने भी विशेष सतर्कता बरती, ताकि रात में बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान न हो और मंदिरों की रौनक बनी रहे।
त्योहार की सांस्कृतिक झलक और धार्मिक महत्त्व
जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मुजफ्फरनगर में आयोजित इस भव्य आयोजन ने न केवल धार्मिक महत्व को बल दिया बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता को भी उजागर किया। मंदिरों की झांकियों, सजावट और कार्यक्रमों ने शहरवासियों के उत्सव को और भी खास बना दिया।
भक्तों की श्रद्धा और उत्सव का आनंद
भक्तों ने मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों के दर्शन किए, भजन-कीर्तन में भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया। परिवार और मित्रों के साथ आने वाले लोग इस पर्व को एक सामाजिक मिलन समारोह के रूप में भी मना रहे थे। कई मंदिरों में बच्चों के लिए विशेष गतिविधियां भी आयोजित की गईं।
भव्य सजावट और प्रकाश का आकर्षण
मंदिरों की सजावट में रंग-बिरंगी लाइट्स, झालरें और फूलों की सजावट विशेष आकर्षण का केंद्र रही। रात के समय मंदिरों की जगमगाहट ने पूरे नगर को उत्सवमय वातावरण में बदल दिया। कुछ मंदिरों में अमरनाथ गुफा का दृश्य देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं।
नगर की प्रशासनिक और सुरक्षा तैयारी
नगर के अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि कोई भी अप्रिय घटना न हो। पुलिस द्वारा भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा चौकियां और तैनाती की गई। नगर पालिका ने सफाई कर्मियों की विशेष ड्यूटी लगाई ताकि श्रद्धालुओं को साफ-सुथरा वातावरण मिले।
समाज में उत्सव का संदेश
जन्माष्टमी केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मिलन का भी पर्व है। मुजफ्फरनगर में यह पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाने का काम करता है। स्थानीय व्यापारियों, वॉलंटियर और भक्तों ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया।
मुजफ्फरनगर में जन्माष्टमी का पर्व न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत करता है, बल्कि शहर में उत्सव और सांस्कृतिक समरसता का संदेश भी फैलाता है। सभी श्रद्धालुओं और नगरवासियों के सहयोग से यह पर्व और भी भव्य और यादगार बनता है। Janmashtami Celebration Muzaffarnagar के दौरान सावधानी, अनुशासन और श्रद्धा का मेल हर किसी के लिए प्रेरणादायक है।