
हलाल प्रमाण पत्र।
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जमीअत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट का कहना है कि उसकी प्रमाणन प्रक्रिया भारत में निर्यात के उद्देश्यों और घरेलू वितरण, दोनों के लिए निर्माताओं की आवश्यकताओं के अनुरूप है। हलाल प्रमाणित उत्पादों की वैश्विक मांग मजबूत है और भारतीय कंपनियों के लिए ऐसा प्रमाणन प्राप्त करना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना (संख्या 25/2022-23) के जरिये भी वैध है। ट्रस्ट का कहना है कि छवि खराब करने के उद्देश्य से लगाए गए निराधार आरोपों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कदम उठाएगा।
जमीअत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के सीईओ नियाज अहमद फारूकी ने कहा कि उपभोक्ता और निर्माता इस प्रकार के प्रमाणन को प्राथमिकता देते हैं। यह बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को उन उत्पादों का उपयोग करने से बचाता है, जो वे कई कारणों से नहीं चाहते हैं। इसलिये यह प्रमाणन बाजार में आवश्यकता आधारित उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। जो लोग ऐसे उत्पादों का उपयोग नहीं करना चाहते, वे इनका उपयोग न करने के लिए स्वतंत्र हैं।
नियाज अहमद फारूकी ने कहा कि हलाल प्रमाणीकरण हमारे देश को लाभ पहुंचाने वाली एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है। यह न केवल आयात करने वाले देशों के लिए, बल्कि भारत आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक आवश्यकता है। विशेष रूप से अपने प्रवास के दौरान हलाल प्रमाणित उत्पादों की तलाश करने वालों के लिए, जैसाकि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने भी 6 अप्रैल 2023 के अपने आदेश में रेखांकित किया है।
ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि हम सरकारी नियमों का पालन करते हैं। सभी हलाल प्रमाणन निकायों को एनएबीसीबी (भारतीय गुणवत्ता परिषद के तहत प्रमाणन निकायों के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड) द्वारा पंजीकृत होना आवश्यक है, जो कि जमीअत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट ने हासिल किया है। एपीडा (भारतीय कृषि उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) और दुनिया भर में भारतीय दूतावासों के साथ निकटता से सहयोग करते हुए, हम वैश्विक बाजारों में भारतीय हलाल प्रमाणित उत्पादों को सक्रिय रूप से बढ़ावा देते हैं।
ट्रस्ट का कहना है कि निर्यात करने के लिए उन देशों में निर्धारित इन अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। जमीअत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के हलाल प्रमाणपत्र विश्व भर में मान्यता प्राप्त हैं। मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, कतर, संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों ने हमारे प्रमाणपत्र को मान्यता दी है और हमें उनसे मान्यता प्राप्त है। हम विश्व हलाल खाद्य परिषद यानी वर्ल्ड हलाल फूड काउंसिल के सदस्य हैं।
हलाल प्रमाणीकरण के खिलाफ झूठे दावों का प्रचार करने वाले कुछ व्यक्ति सीधे तौर पर हमारे राष्ट्रीय हितों को कमजोर कर रहे हैं। हलाल व्यापार 3.5 खरब डॉलर के महत्वपूर्ण उद्योग के रूप में खड़ा है। भारत को विशेष रूप से ओआईसी देशों और दक्षिण पूर्व एशिया में हमारे महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदारों के साथ निर्यात और पर्यटन में इसके प्रचार से लाभ होता है।