संवाद न्यूज एजेंसी

झांसी। जलसंस्थान में सालों से नौकरी कर रहे बाबुओं को टाइपिंग तक नहीं आती है। शासन स्तर पर शिकायत होने पर अब इन पर शिकंजा कसा जा रहा है। इनका टेस्ट कराया जाएगा, पास न होने पर सेवाएं समाप्त या डिमोट कर दिया जाएगा।

शासनादेश के अनुसार मृतक आश्रित ऐसे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति लिपिक वर्ग में हुई है, उन्हें टाइपिंग आना अनिवार्य है। इसके लिए दो साल का अवसर दिया जाता है। इस दौरान दो बार टाइपिंग टेस्ट भी लिया जाता है। पहले साल में अगर कोई बाबू टाइपिंग टेस्ट में फेल हो जाता है तो उसकी वेतनवृद्धि रोकते हुए दोबारा अवसर दिया जाता है। वहीं, जो चतुर्थ श्रेणी से पदोन्नत होकर बाबू बने हैं, उनको भी टाइपिंग अनिवार्य है। लेकिन आलम यह है कि जलसंस्थान में तीन से लेकर पांच साल जिनकी नौकरी हो गई है उनको टाइपिंग तक नहीं आती है। फिर भी वह बाबू का काम कर रहे हैं।

उधर, महाप्रबंधक मनोज कुमार आर्य के अनुसार बाबुओं का रिकॉर्ड तैयार किया गया है, इनका टाइपिंग टेस्ट कराया जाएगा। फेल होने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।



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