Ambedkar Nagar molestation case Beloved daughter had left the dream of the city to serve her father

Ambedkar Nagar molestation case
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


बेटियां यूं ही घर की जान नहीं होतीं। छेड़छाड़ की शिकार होकर जान गंवाने वाली लाडली बेटी चाहती तो शहर में जाकर पढ़ाई पूरी करने का मौका उसके पास था। हालांकि बड़ी बहनों की शादी, मां की मौत और छोटे भाई के शहर में जाकर पढ़ने की परिस्थिति के बीच उसने घर पर पिता को अकेले छोड़ने की बजाए साथ रहकर उनकी सेवा करने और यहीं पढ़ाई जारी रखने का उसने निर्णय लिया।

मां बाप को लेकर बेटियों का अपनत्व समाज में यूं ही नहीं प्राथमिकता में शामिल है। बरही एदिलपुर गांव की रहने वाली लाडली बिटिया ने तमाम प्रतिकूल माहौल के बीच अपनी खुशी व सपनों को पिता की सेवा करने के चलते पीछे रख दिया। 

दरअसल बिटिया को लगा कि मां की मौत और दो बड़ी बहनों के विवाह के बाद पिता की सेवा एवं उन्हें भोजन पानी देने के लिए अब सिर्फ वही बची है। उसके छोटे भाई को लखनऊ में रह रहे जीजा बेहतर पढ़ाई के लिए साथ लेकर गए थे।

पढ़ने में शुरू से मेधावी रही लाडली बिटिया ने जब हाईस्कूल फर्स्ट डिवीजन पास की तभी उसके जीजा ने लखनऊ चलकर अच्छे ढंग से पढ़ाई करने को कहा। बिटिया बोली कि यहां पिता को खाना कौन देगा। वह यहीं रुक गई। 

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *