जानसठ क्षेत्र में Muzaffarnagar पुलिस ने history-sheeter verification अभियान को तेज करते हुए भुम्मा गांव में अचानक कार्रवाई की। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर मीरापुर पुलिस टीम ने जेल से रिहा हुए अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए यह विशेष भौतिक सत्यापन अभियान चलाया।

जनसुरक्षा और अपराध नियंत्रण को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया यह अभियान स्पष्ट संदेश देता है कि रिहा होने के बाद भी अपराधियों पर पुलिस की नजर लगातार बनी रहेगी।


मीरापुर थाना प्रभारी के नेतृत्व में अभियान—चौकी प्रभारी योगेश तेवतिया ने गांव में घर-घर पहुंचकर की जांच

इस अभियान का नेतृत्व मीरापुर थाना प्रभारी निरीक्षक ओम प्रकाश सिंह ने किया, जबकि भुम्मा चौकी प्रभारी योगेश तेवतिया ने टीम के साथ गांव में पहुंचकर हिस्ट्रीशीटरों का प्रत्यक्ष सत्यापन किया।
पुलिस टीम ने गांव में जाकर उन अपराधियों के घरों पर दस्तक दी जो—

  • बड़े मामलों में जेल जा चुके हैं

  • हाल ही में रिहा हुए हैं

  • पुलिस रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर के रूप में दर्ज हैं

हर व्यक्ति की उपस्थिति, गतिविधियों और वर्तमान स्थिति की गहन जांच की गई।


कपिल और सनोज घर पर ही मिले—पुलिस ने की पहचान और उपस्थिति की पुष्टि

भुम्मा गांव में दो प्रमुख हिस्ट्रीशीटर—

  • कपिल,

  • सनोज

भौतिक सत्यापन के दौरान अपने-अपने घर पर ही पाए गए।
पुलिस ने न केवल उनकी उपस्थिति की पुष्टि की बल्कि उनके वर्तमान व्यवहार एवं गांव में उनकी गतिविधियों के बारे में भी जानकारी जुटाई।

पुलिस के अनुसार दोनों व्यक्तियों की पहचान और लोकेशन मिलान प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, और फिलहाल कोई संदिग्ध गतिविधि सामने नहीं आई है।
फिर भी निगरानी बरकरार रखी जाएगी।


वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई—एसएसपी, एसपी देहात और सीओ जानसठ की निगरानी में चल रहा अभियान

यह पूरा सत्यापन अभियान—

  • सीनियर सुपरिन्टेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) संजय वर्मा,

  • एसपी देहात आदित्य बंसल,

  • सीओ जानसठ यतेंद्र सिंह नागर

के निर्देशों पर लगातार संचालित किया जा रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों का स्पष्ट आदेश है कि जिले में हिस्ट्रीशीटरों पर कड़ी निगरानी रखी जाए, ताकि रिहाई के बाद भी वे किसी नई आपराधिक गतिविधि में शामिल न हो सकें।


थाना प्रभारी ओम प्रकाश सिंह का बयान—“अभियान लगातार जारी रहेगा, किसी भी अपराधी को राहत नहीं”

थाना प्रभारी ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि यह history-sheeter verification अभियान निरंतर चलाया जा रहा है और इसमें किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा—
“वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर क्षेत्र के सभी हिस्ट्रीशीटरों का रिकॉर्ड अपडेट किया जा रहा है। रिहा हुए अपराधियों की दिनचर्या, उपस्थिति और गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि

  • यदि कोई अपराधी निगरानी से बचने या गलत गतिविधियों में शामिल होने की कोशिश करेगा

  • या आदेश के अनुसार उपस्थित नहीं पाया जाएगा
    तो उसके खिलाफ तुरंत सख्त धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।


गांव में पुलिस की मौजूदगी से अपराधियों में खौफ—स्थानीय लोगों ने की पहल की सराहना

भुम्मा गांव में पुलिस की इस अचानक कार्रवाई से स्थानीय ग्रामीणों ने राहत महसूस की है।
गांववासियों का कहना है कि पुलिस द्वारा समय–समय पर ऐसे सत्यापन अभियान चलाना बेहद जरूरी है क्योंकि—

  • इससे अपराधियों में खौफ बना रहता है

  • गांव का माहौल सुरक्षित महसूस होता है

  • संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत रोक लगती है

कुछ ग्रामीणों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में अपराध नियंत्रण को मजबूती मिलेगी।


अपराध पर नकेल कसने की तैयारी—पुलिस का रुख कड़ा, अभियान का दायरा बढ़ेगा

अध्यादेशों के अनुसार जिले में हिस्ट्रीशीटरों की संख्या अच्छी-खासी है, और इन सभी का रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए पुलिस ने विशेष टीम बनाई है।
आने वाले दिनों में—

  • अधिक गांवों में सत्यापन

  • पुराने मामलों की फाइलों की समीक्षा

  • संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी

  • और डिजिटल रिकॉर्ड अपडेशन

जैसे कार्य और तेज किए जाएंगे।

यह अभियान साफ संकेत देता है कि पुलिस अपराधियों को किसी भी सूरत में ढील नहीं देने वाली।


भुम्मा गांव में चलाए गए इस भौतिक सत्यापन अभियान ने स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस अपराध नियंत्रण को लेकर बेहद गंभीर है। हिस्ट्रीशीटरों की उपस्थिति सुनिश्चित कर उन्हें निगरानी में रखना कानून-व्यवस्था मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम है। वरिष्ठ अधिकारियों की सख्त निगरानी में यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और इससे क्षेत्र में सुरक्षा का माहौल और अधिक सुदृढ़ होने की उम्मीद है।

 



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