जानसठ/Muzaffarnagar के जानसठ-खतौली मार्ग पर देर रात पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नियमित चेकिंग अभियान के दौरान अचानक एक फिल्मी स्टाइल मुठभेड़ देखने को मिली। एक संदिग्ध बाइक को रोकने के प्रयास में बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश सरताज उर्फ भूरा गोली लगने से घायल हो गया, जबकि उसका साथी सलमान पुत्र अय्यूब भी मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार हुए कुख्यात लुटेरे, खुलासा हुआ करोड़ों के लूटकांड का
मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस मुठभेड़ में जिन दो बदमाशों को पकड़ा, वे लंबे समय से विभिन्न राज्यों में आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे थे। मुख्य अभियुक्त सरताज उर्फ भूरा पुत्र रियाज उर्फ राजू, थाना बुढ़ाना, मुजफ्फरनगर का निवासी है। वहीं दूसरा बदमाश सलमान पुत्र अय्यूब, नसीरपुर से ताल्लुक रखता है।
बरामद हुआ भारी मात्रा में लूट का माल
बदमाशों के कब्जे से पुलिस ने एक बिना नंबर प्लेट की मोटरसाइकिल, एक अवैध 315 बोर का तमंचा, एक जिंदा कारतूस, और एक खोखा कारतूस के साथ भारी मात्रा में सोने और चांदी के जेवरात बरामद किए हैं।
👇 बरामद सामान की सूची:
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एक जोड़ी कंगन (पीली धातु)
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एक गले की चेन (पीली धातु)
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एक माथे का बड़ा टीका (पीली धातु)
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एक जोड़ी टॉप्स (छुमके) (पीली धातु)
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एक जोड़ी कानों के कुंडल (पीली धातु)
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एक जोड़ी बालियाँ (पीली धातु)
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एक मंगलसूत्र (पीली धातु)
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एक अंगूठी (पीली धातु)
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एक ‘ॐ’ लटकन (पीली धातु)
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पांच जोड़ी बिछुए (सफेद धातु)
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एक अंगूठी (सफेद धातु)
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चार जोड़ी पाजेब (सफेद धातु)
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एक तगड़ी (सफेद धातु)
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मंडी लूटकांड से है सीधा कनेक्शन
पुलिस के अनुसार, ये दोनों बदमाश हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हुई एक बड़ी सोने-चांदी की लूट में हुई एक बड़ी सोने-चांदी की लूट में शामिल थे। सीओ जानसठ यतेंद्र नागर के मुताबिक, बरामद जेवरात उसी कांड से संबंधित हैं और इसकी सूचना मंडी पुलिस को भेजी जा चुकी है।
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अपराधियों का लंबा आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार किए गए दोनों अपराधियों के खिलाफ पहले से ही कई थानों में धारा 392, 397, आर्म्स एक्ट आदि के तहत दर्जनों केस दर्ज हैं। पुलिस का मानना है कि ये एक अंतरराज्यीय गिरोह का हिस्सा हैं जो हरियाणा, हिमाचल, पंजाब और यूपी में सक्रिय था।
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वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई
यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा के निर्देश पर जिलेभर में चल रहे विशेष गश्त और चेकिंग अभियान के तहत की गई। इस अभियान का उद्देश्य लूट, चोरी, अवैध हथियारों और गैंग सक्रियताओं को समाप्त करना है।
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पुलिस टीम की भूमिका रही सराहनीय
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में शामिल रहे:
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उप निरीक्षक मोहित कुमार तेवतिया
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उप निरीक्षक धर्मवीर कर्दम
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कांस्टेबल कपिल कुमार
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विनपेश कुमार
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अलीमुद्दीन, थाना जानसठ
इन सभी पुलिसकर्मियों ने अपने साहस, सूझबूझ और तत्परता से एक बड़े गैंग को जड़ से पकड़ने में सफलता पाई।
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💡क्राइम के पीछे की सोच: लूट की योजना और गिरोह की रणनीति
सूत्रों के अनुसार, सरताज और सलमान सड़क किनारे सुनसान इलाकों में वाहन चालकों को रोककर लूट की वारदात को अंजाम देते थे। ये लोग महिला यात्रियों के गहनों को निशाना बनाते और फिर बाजारों में नकली बिलों के जरिए बेच देते थे। मंडी लूटकांड के लिए इन लोगों ने करीब 15 दिन पहले रेकी की थी, और फिर सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया।
🔥क्या ये हैं यूपी के अगली ‘क्राइम सीरीज़’ के चेहरे?
लंबे समय से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहे ये बदमाश अब पुलिस रिमांड पर हैं और उनसे गिरोह के अन्य सदस्यों, संपत्ति की जानकारी, और लूट के पैसों की हेराफेरी को लेकर पूछताछ की जा रही है। इस पूछताछ से और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
🎯राज्य पुलिस की रणनीति: अपराध पर शून्य सहनशीलता की नीति
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यूपी पुलिस अब पुराने ढर्रे पर नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी, इंटेलिजेंस और स्थानीय नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए अपराधियों को जड़ से खत्म करने में लगी है। आने वाले समय में ऐसे कई ऑपरेशन चलाए जाने की संभावना है।
📢 ये मुठभेड़ सिर्फ दो अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं थी, बल्कि मंडी लूटकांड के जाल में फंसे एक पूरे गिरोह की पोल खोलने वाला बड़ा ऑपरेशन था। मुजफ्फरनगर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल सराहनीय है, बल्कि अपराध के खिलाफ एक सख्त संदेश भी देती है – अब कोई भी लुटेरा कानून की पकड़ से बच नहीं सकता!