Jitiya Vrat Crowd gathered from the banks of Ganga to ponds in varanasi

वाराणसी में जीउतिया का अनुष्ठान
– फोटो : अमर उजाला

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संतान की दीर्घायु और सौभाग्य के लिए माताओं ने 24 घंटे का निर्जला व्रत रखा। वाराणसी में भगवान भास्कर की प्रथम किरण के साथ ही व्रत के अनुष्ठान शुरू हो गए। गंगा के तट से लेकर शहर के कुंड और गांवों के तालाब पर व्रती महिलाओं ने जीवित्पुत्रिका के विधान को पूर्ण किया। देर रात तक 80 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मां लक्ष्मी के मंदिर में हाजिरी लगाई। भीड़ के दबाव का आलम यह था कि दोपहर में माता लक्ष्मी का श्रृंगार स्थगित करना पड़ा। इसके साथ ही 16 दिनों तक चलने वाले सोरहिया मेले का भी समापन हो गया।

शुक्रवार को ब्रह्ममुहूर्त के साथ ही जीउतिया व्रत की शुरुआत हो गई। लक्सा स्थित लक्ष्मीकुंड पर दर्शन पूजन और जीउतिया का अनुष्ठान करने के लिए महिलाओं की लंबी कतार सुबह से ही लगनी शुरू हो गई थी। सुबह से शुरू हुआ दर्शन पूजन का सिलसिला मध्य रात्रि 12 बजे तक अनवरत चलता रहा।

मां को भोग-प्रसाद, वस्त्र,पुष्प एवं सुहाग पिटारी अर्पित करके भोग आरती की गई। शनिवार को महिलाएं व्रत का पारण करेंगी। लक्ष्मी कुंड के अलावा ईश्वर गंगी, शंकुलधारा, सूर्य सरोवर, पिशाचमोचन सहित सभी कुंड व तालाबों के किनारे महिलाओं की भीड़ लगी रही।



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