
नाई की मंडी में रहने वाले मोहम्मद कफील का पूरा परिवार घर में ही जूता बनाता था। छह लोग मिलकर रोज करीब 80 जोड़ी जूते तैयार कर देते थे। इससे अच्छी आमदनी हो जाती थी लेकिन अब पूरे परिवार का रोजगार छिन गया है। कफील रेडिमेड कपड़े के शोरूम में 12 हजार महीने की नौकरी कर रहे हैं। उनके भाई-बहन भी दूसरे काम-धंधे में लग गए हैं।