Court Shootout: Six policemen suspended, action taken by DCP Headquarters on five head constables and DCP West

लखनऊ कोर्ट में हत्याकांड
– फोटो : amar ujala

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कोर्ट रूम के भीतर गैंगस्टर संजीव जीवा पर गोलियां बरसाने के मामले में बृहस्पतिवार रात छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। शुरुआती जांच में इनकी लापरवाही पाए जाने का दावा है। इन सभी पुलिसकर्मियों की कोर्ट परिसर के अलग-अलग गेट पर ड्यूटी थी। इसमें चार हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल हैं। इतनी बड़ी वारदात में हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल को जिम्मेदार ठहराया गया है। बड़े जिम्मेदारों की जिम्मेदारी तय न कर अब तक उनको बचा लिया गया है।

हमलावर विजय यादव कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को भेदते हुए आसानी से कोर्ट रूम तक पहुंच गया था। सुरक्षाकर्मी तैनात रहकर भी उसको पकड़ नहीं पाए थे, जबकि उसके पास रिवाल्वर थी। स्पष्ट था कि इसमें बड़ी लापरवाही बरती गई है। कोर्ट एक महत्वपूर्ण स्थान है लिहाजा सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़े अफसर भी जिम्मेदार होते हैं। मगर हैरानी की बात ये है कि जब कार्रवाई की गई तो उसमें सिर्फ कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल पर गाज गिराई गई। इस पर सवाल उठता है कि कोर्ट की सुरक्षा के लिए क्या सिर्फ ये चंद पुलिसकर्मी जिम्मेदार थे। थानेदार से लेकर उच्चाधिकारियों की कोई चूक ही नहीं है। कुलमिलाकर बड़ों को फिलहाल बचा लिया गया है।

इन पर हुई कार्रवाई

जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है वह कोर्ट परिसर के गेट नंबर 5, 7 व 8 पर तैनात थे। इसमें हेड कांस्टेबल सुनील दुबे, मोहम्मद खालिद, अनिल सिंह, सुनील श्रीवास्तव शामिल हैं। इनको डीसीपी मुख्यालय ने निलंबित किया। अन्य दो कांस्टेबल निधि देवी व धर्मेंद्र को डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने निलंबित किया। इनके खिलाफ अब विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

एसआईटी की जांच होगी अहम

तीन सदस्यीय गठित की गई एसआईटी की इसी बिंदु पर जांच कर रही है कि घटना में कहां कहां लापरवाही बरती गई। इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की जांच की जद में वह बड़े अफसर भी जिम्मेदार हैं, जिनके ऊपर कोर्ट परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। देखना होगा कि एसआईटी जांच पूरी करने के बाद इनमें से किन किनको जिम्मेदार ठहराती है।



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