
{“_id”:”6937b8ea96caa6092f0c3bb6″,”slug”:”video-jhansi-mauranipurs-waste-disposal-centers-are-becoming-increasingly-dilapidated-with-55-of-the-63-resource-recovery-centers-closed-2025-12-09″,”type”:”video”,”status”:”publish”,”title_hn”:”झांसी: मऊरानीपुर में कचरा होते जा रहे कूड़ा निस्तारण केंद्र, 63 में से 55 रिसोर्स रिकवरी सेंटर बंद पड़े”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}

मऊरानीपुर में गांवों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों में रिसोर्स रिकवरी सेंटर (आरआरसी) बनाए गए हैं, लेकिन, ज्यादातर ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये की लागत से बनाए गए ये सेंटर शोपीस भर साबित हो रहे हैं। इसका अंदाजा मऊरानीपुर विकासखंड की स्थिति देखकर लगाया जा सकता है। यहां बनाए गए 63 आरआरसी में से 55 बंद पड़े हुए हैं। कमोबेश यही स्थिति जिले के ब्लॉकों में भी बनी हुई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में आरआरसी बनाए गए हैं। सरकार की ओर से इस योजना की शुरुआत साल 2022 में की गई थी। शुरुआत में वित्तीय वर्ष 2022-23 में मऊरानीपुर विकासखंड की सात ग्राम पंचायतों में आरआरसी बनाए गए थे। इसके अगले वर्ष 2023-24 में 28 और 2024-25 में 31 ग्राम पंचायतों में आरआरसी बनाए गए थे। मऊरानीपुर विकासखंड की 66 ग्राम पंचायतों में से 63 में आरआरसी बनकर तैयार हो चुके हैं। लेकिन, इनमें से ग्राम पंचायत स्यावरी, धवाकर, ढकरवारा, ककवारा, बम्होरी, घाट कोटरा, खिलारा व भानपुरा में ही इनका संचालन किया जा रहा है। शेष 55 ग्राम पंचायतों में यह सेंटर किसी उपयोग में नहीं आ रहे हैं।