40 दिन पहले रेलवे के 69.7 लाख रुपये के गबन के आरोपी की जमानत याचिका जिला न्यायाधीश ने खारिज कर दी है। जमानत की अर्जी आरोपी की पत्नी ने न्यायालय में पेश किया था।
रेलवे बुकिंग की राशि ग्वालियर शाखा में सीएमएस इन्फो सिस्टम द्वारा जमा कराई गई थी। झांसी के नगरा निवासी जीवन साहू व उसके भांजे अंशुल साहू के खिलाफ नवाबाद थाने में बीएनएस की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप था कि ग्वालियर में जमा की गई धनराशि झांसी रेलवे स्टेशन स्थित एसबीआई की शाखा में न जमा कर इसे गायब कर दिया गया था। उक्त 69.78 लाख को पुलिस ने कार से बरामद भी कर लिया था। पुलिस ने अंशुल को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। वहीं, न्यायालय ने दोनों को जेल भेज दिया था। बुधवार को जीवन साहू की पत्नी ने जमानत अर्जी दाखिल की। जिला न्यायाधीश कमलेश कच्छल की अदालत ने इसे खारिज कर दिया।
यह दिया तर्क
आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय में तर्क दिया कि जीवन साहू ने राशि का गबन नहीं किया है, बल्कि उसे फंसाया गया है। जिला जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मृदुलकांत श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि अभियुक्त का कृत्य गंभीर प्रकृति का है। जमानत दिए जाने पर विवेचना को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद जिला न्यायाधीश ने जमानत अर्जी को निरस्त कर दिया।
