Jhansi: Shrimad Bhagwat...Katha Vyas told the secret of seven Kos

चिरगांव के ग्राम पहाड़ी बुजुर्ग में स्थित रायसेनिया बाबा मंदिर पर स्वर्गीय किशोरी शरण दांगी की पांचवीं पुण्य स्मृति के अवसर पर सोमवार को श्रीमद्भागवत कथा के दौरान भागवत आचार्य पंडित रमाकांत व्यास ने कथा वृंदावन की महिमा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि वृंदावन वह दिव्य धाम है, जहां कण-कण में कृष्ण का वास है। और जहां की रज, वायु, कदंब और यमुना स्वयं मोक्षदायिनी हैं।
कथाव्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की गौचरण लीला का मार्मिक वर्णन किया, जिसमें कान्हा ग्वाल-सखाओं संग गो-सेवा, वन-भ्रमण और प्रकृति-संरक्षण का संदेश देते हैं। साथ ही गोपाष्टमी का महत्व बताते हुए कहा कि इसी दिन बाल कृष्ण को गोचारण का अधिकार मिला था, इसलिए यह पर्व गो-पूजन, गाय-सेवा और धर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
कथा में बकासुर वध, कालिया नाग दमन तथा ब्रज-रक्षा के प्रसंगों सहित अनेक दैत्य विनाश की लीलाओं का विस्तार पूर्वक वर्णन हुआ। उन्हेांने बताया कि चौरासी लाख योनियों के बाद मनुष्य जन्म मिलता है, अतः कथा-श्रवण, सत्कर्म और भक्ति द्वारा जीवन को सार्थक बनाना ही सबसे बड़ा पुण्य है।
गोवर्धन गिरिराज पूजा प्रसंग में बताया गया कि कृष्ण ने गोवर्धन उठाकर इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों की रक्षा की और अहंकार पर करुणा की विजय स्थापित की।



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