Descendants of Maharani Lakshmibai, who visited Jhansi, expressed their anguish, saying they had to buy tickets to see their great-grandmother's house.

महारानी लक्ष्मीबाई की सातवीं पीढ़ी के वंशज श्रीमंत योगेश राव नेवालकर ”झांसी वाले” ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि दूसरे राजाओं के मुकाबले झांसी की रानी के वंशजों को आजादी के बाद वह महत्व नहीं मिला, जिसके वह अधिकारी थे। सबसे बड़ी तकलीफ यह है कि अपने पूर्वजों के घर में जाने के लिए भी उनको लाइन में लगकर टिकट खरीदना पड़ता है। करीब सात साल पहले अपनी झांसी की यात्रा याद करते हुए श्रीमंत योगेश राव ने बताया कि वर्ष 2017-18 में यहां आने पर वह रानी का किला एवं रानी महल देखने पत्नी प्रीति के साथ पहुंचे थे लेकिन, अंदर जाने के लिए टिकट लेना पड़ा था। ये बातें तकलीफ देती हैं।



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