The narrator of the Bhagwat Katha in Jhansi's Mehndi Bagh said - If you want to become the best, then behave well.

मेंहदी बाग स्थित श्रीरामजानकी मंदिर मानस भवन में श्रीमती रामकली अडजरिया की स्मृति में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में द्वितीय दिवस का प्रसंग सुनाते हुए श्रीधाम वृंदावन से पधारे कथा व्यास हरिवंश दास ने कहा कि कथा सुनने मात्र से नहीं उसे अपने जीवन में उतारने से ही जीवन का कल्याण होगा। परीक्षित चरित्र का विस्तार से वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि भागवत हमें जीवन में समर्पण की शिक्षा देती है। जब प्राणी परमात्मा के प्रति समर्पण का भाव बना लेता है तो उसके भीतर का अहंकार खत्म हो जाता है। कथा व्यास ने कहा कि न तो यह संसार सत्य है और न यह शरीर, इस शरीर को तो एक न एक दिन छोड़ना ही पड़ेगा क्योंकि ब्रह्म सत्य और जगत मिथ्या है। भगवान ने गीता में कहा है कि करता, आकर्त मै ही हूं भगवान को कुछ करने की आवश्यकता नहीं है फ़िर भी वह करते है क्योंकि वह अपने आचरण से बताना चाहते हैं वे श्रेष्ठ है अगर आप श्रेष्ठ बनन चाहते है तो श्रेष्ठ आचरण कीजिएगा। आरती पूजन लहर की देवी के महंत मोहन गिरी जी, रामेश्वर गिरि, भोपाल से आशीष शर्मा, सुशील शर्मा राजकुमार गोस्वामी, अनिल अडजरिया पंकज गुप्ता ने किया। अंत में अंचल अडजरिया ने सभी का आभार व्यक्त किया।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अभी अभी की खबरें