महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) ब्लॉक की छत से रविवार की रात चोर तांबे की करीब 3 मीटर ऑक्सीजन पाइपलाइन उखाड़कर ले गए। इससे ओटी ब्लॉक में ऑक्सीजन की आपूर्ति सोमवार और मंगलवार को ठप रही। इसकी वजह से दो दिन में करीब 50 बड़े ऑपरेशन टालने पड़े। मामला गंभीर होने के बावजूद काॅलेज प्रशासन ने अब तक इसकी शिकायत पुलिस से नहीं की है।

ओटी ब्लॉक में सर्जरी विभाग, हड्डी रोग विभाग, नाक-कान-गला, स्त्री रोग विभाग के ऑपरेशन किए जाते हैं। सोमवार सुबह जब ओटी ब्लॉक खोलकर जांच की गई तो पता चला कि पाइपलाइन टूटने से पूरे ओटी परिसर में ऑक्सीजन का दबाव शून्य हो गया, जिसके कारण सर्जरी शुरू करना जोखिम भरा हो गया। तब ऑक्सीजन लाइन जोड़ने के लिए इंजीनियरों को बुलाया गया।

जुटी रही इंजीनियरों की टीम

उन्होंने जब जांच की तो पता चला कि चोरों ने ऑक्सीजन लाइन को अन्य जगहों पर भी क्षतिग्रस्त भी कर दिया है। लाइन दुरुस्त करने में मंगलवार को भी इंजीनियरों की टीम जुटी रही। देर शाम करीब छह बजे ओटी ब्लॉक में ऑक्सीजन की आपूर्ति बहाल हो सकी। अब बुधवार से ओटी ब्लॉक में ऑपरेशन शुरू होंगे। इस बीच विभिन्न विभागों के 50 से ज्यादा बड़े ऑपरेशन टालने पड़े। इक्का-दुक्का छोटे ऑपरेशन किए गए जिनमें बेहोशी की दवा देने की जरूरत नहीं होती है। वहीं, बेहद जरूरी या इमरजेंसी वाले ऑपरेशन सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में किए जा सके।

इन विभागों के स्थगित हुए ऑपरेशन

सर्जरी के 25, ईएनटी के 14, हड्डी रोग के 11 ऑपरेशन स्थगित हुए हैं।

आधे कैमरे खराब, कैसे खुलेगा राज

ओटी ब्लॉक की छत से ऑक्सीजन पाइपलाइन चोरी होने की घटना ने मेडिकल कॉलेज परिसर की सुरक्षा एवं सीटीटीवी कैमरों की व्यवस्था पर फिर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो कैंपस में लगे करीब 250 सीसीटीवी कैमरों में से 50 फीसदी से ज्यादा खराब हैं। इस वजह से भी कई मामले अब तक अनसुलझे हैं।

पहले भी हो चुकी हैं और भी घटनाएं

ओटी ब्लॉक के चारों तरफ और रास्तों के कैमरों को खंगाला गया लेकिन किसी भी कैमरे से कोई जानकारी नहीं मिली। सूत्रों की मानें तो सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के प्रथम मंजिल को छोड़ किसी भी मंजिल के कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। करीब पांच माह पहले महिला तीमारदार ने नर्सिंग कर्मी पर छेड़खानी का आरोप लगाया था। शिकायत पर जब सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो पता चला कि वे खराब हैं। इस पर बीच का रास्ता निकालकर मामले को रफा-दफा किया गया। यही नहीं, करीब चार माह पहले नवजात का सिर कुत्ते नोंचते मिले थे। कॉलेज प्रशासन ने जब जांच कराई तो पता चला कि कई जगह के कैमरे खराब हैं और यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया। सीएमएस डॉ. सचिन माहुर का कहना है कि कैमरों को सही कराया जाता है लेकिन खराब हो जाते हैं। सभी कैमरों को सही करने के लिए आउटसोर्स पर कैमरों की देखरेख का कार्य दिया जा रहा है।

ओटी ब्लॉक में आने वाली ऑक्सीजन लाइन चोरों ने क्षतिग्रस्त कर दी थी, जिससे आपूर्ति ठप हो गई। इस ब्लॉक में होने वाले बड़े ऑपरेशन स्थगित हुए हैं। जो जरूरी ऑपरेशन थे, वह इमरजेंसी ओटी अथवा सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में कराए गए हैं।- डॉ. सचिन माहुर, सीएमएस, मेडिकल कॉलेज



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *