रिश्तों को मोह से बांधने वाले धागे टूटते जा रहे हैं। जिन रिश्तों के दम पर हम खुद को सुरक्षित महसूस करते थे, अब उन्हीं से सुरक्षा की दरकार है। पिछले कुछ समय के भीतर जनपद में हुईं कई आपराधिक घटनाओं में अपनों का ही हाथ निकला।
Source link
रिश्तों को मोह से बांधने वाले धागे टूटते जा रहे हैं। जिन रिश्तों के दम पर हम खुद को सुरक्षित महसूस करते थे, अब उन्हीं से सुरक्षा की दरकार है। पिछले कुछ समय के भीतर जनपद में हुईं कई आपराधिक घटनाओं में अपनों का ही हाथ निकला।
Source link