– रोजगार की आस में हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं भूमिहीन किसान
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। झांसी में प्रस्तावित डिफेंस कॉरिडोर के लिए गरौठा तहसील के 3100 किसानों से तीन साल पहले जमीन खरीदी गई थी। किसानों ने भी आसानी से अपनी खेती की जमीनें दे दीं थीं। उन्हें उम्मीद थी कि कॉरिडोर में लगने वाले उद्योगों से उन्हें व उनके परिवार के लोगों को रोजगार मिलेगा। लेकिन, भूमिहीन हो चुके किसानों की ये आस पूरी नहीं हो पाई है। उद्योग के नाम पर डिफेंस कॉरिडोर में अब तक एक ईंट भी नहीं लगी है।
डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना की घोषणा 11 अगस्त 2018 को हुई थी। इसके बाद साल 2019 में गरौठा तहसील के एरच कस्बे से सटे छह गांवों के 3100 किसानों से उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने 1089.446 हेक्टेअर जमीन खरीदी थी। किसानों ने खुशी-खुशी खेती की अपनी पुश्तैनी जमीनें यूपीडा को सौंप दीं थी। सरकार के हवाले से मिल रही सूचनाओं के जरिये किसानों को उम्मीद थी कि डिफेंस कॉरिडोर में लगने वाले कारखानाें से उन्हें रोजगार हासिल होगा। लेकिन, तीन साल से किसान भूमिहीन होकर हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए हैं। लेकिन, रोजगार देना तो बहुत दूर की बात है, अब तक किसी कंपनी ने अपना कारखाना लगाने का काम तक शुरू नहीं किया है। जमीन बंजर हालत में पड़ी हुई है।
पीएम ने रखी थी आधारशिला, फिर भी नहीं किया काम
झांसी। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर 19 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना के राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व कार्यक्रम में हिस्सा लेने झांसी आए थे। यहां उन्होंने रक्षा मंत्रालय के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के कारखाने की आधारशिला रखी थी। कंपनी की ओर से 400 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई थी। लेकिन, 19 माह गुजर जाने के बाद भी बीडीएल ने कारखाने की स्थापना का काम शुरू नहीं किया है।
दी जा चुकी है 20 लाख वर्गमीटर जमीन
झांसी। डिफेंस कॉरिडोर के लिए ली गई जमीन में से 199.6 हेक्टेअर (19 लाख 96 हजार वर्गमीटर) जमीन आवंटित की जा चुकी है। इनमें से भारत डायनामिक्स लिमिटेड को 183.51 हेक्टेअर और लॉरेंस डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को आठ हेक्टेअर जमीन दी गई है। भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय ने भी यहां टूल सेंटर बनाने के लिए 8.09 हेक्टेअर जमीन ली है। लेकिन, काम किसी ने भी शुरू नहीं किया है।
डिफेंस कॉरिडोर क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। डिफेंस इकाई की स्थापना की परियोजनाएं बहुत बड़ी होती हैं, जिसके चलते काम शुरू होने में थोड़ा समय लगा है। लेकिन, आने वाले दिनों में कॉरिडोर में एक के बाद एक उद्योग खड़े होंगे। – मनीष चौधरी, उपायुक्त उद्योग