Muzaffarnagar से एक दिल छू लेने वाली खबर सामने आई है, जहां डॉक्टर्स डे को सिर्फ एक तारीख की तरह नहीं, बल्कि एक समर्पण और आभार के रूप में मनाया गया। सर्विस क्लब में टेनिस खिलाड़ियों ने डॉक्टर्स के साथ मिलकर इस खास दिन को यादगार बना दिया। एक साधारण टेनिस कोर्ट उस दिन श्रद्धा, कृतज्ञता और उत्साह का केंद्र बन गया।
सभी खिलाड़ियों ने डॉक्टरों के सम्मान में किया केक काटने का आयोजन
सर्विस क्लब के टेनिस खिलाड़ियों ने डॉक्टर्स डे के अवसर पर उपस्थित सभी चिकित्सकों और खिलाड़ियों के साथ मिलकर केक काटा और जोरदार सेलिब्रेशन किया। यह आयोजन सिर्फ एक केक काटने का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उसमें समाहित था डॉक्टरों के प्रति गहराई से महसूस किया गया सम्मान।
“डॉक्टर नहीं तो हम नहीं”—विजय वर्मा की भावुक अभिव्यक्ति
इस अवसर पर क्लब से जुड़े वरिष्ठ सदस्य विजय वर्मा ने भावुक शब्दों में कहा, “डॉक्टर नहीं तो हम नहीं।” उन्होंने बताया कि आज के दौर में डॉक्टर हर व्यक्ति की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं होता जिसे कभी डॉक्टर की आवश्यकता न पड़ी हो। बीमारियों से जूझते मरीजों के लिए डॉक्टर किसी फरिश्ते से कम नहीं होते।
“दूसरे भगवान हैं डॉक्टर”—जनमानस की आवाज
जब कोई इंसान पीड़ा में होता है, तो सबसे पहले वह डॉक्टर के पास ही जाता है। डॉक्टर न सिर्फ उसका इलाज करते हैं, बल्कि उस व्यक्ति को नया जीवन देने जैसा कार्य करते हैं। यही वजह है कि भारतीय समाज में डॉक्टरों को ‘दूसरा भगवान’ माना जाता है। डॉक्टरों की इस महत्ता को लेकर सर्विस क्लब में आयोजित कार्यक्रम लोगों को भावविभोर कर गया।
भारत के डॉक्टरों ने दुनिया भर में बनाया नाम
डॉक्टर सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विश्वभर में चिकित्सा के क्षेत्र में भारतीय प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। AIIMS, PGI, JIPMER जैसे संस्थानों से निकले डॉक्टर आज अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसीलिए जब भारत में डॉक्टर्स डे मनाया जाता है, तो उसका महत्व वैश्विक बन जाता है।
प्रेरणादायक उपस्थिति: चिकित्सा क्षेत्र की शान
इस कार्यक्रम में शहर के प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित डॉक्टर उपस्थित रहे। प्रमुख नामों में शामिल हैं:
डॉ. देवेंद्र सिंह मलिक, डॉ. सुनील चौधरी, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. मनोज काबरा, डॉ. विनीत मनोचा, डॉ. सुरजीत, डॉ. अनिल सिंह, डॉ. हेमंत, डॉ. यश, डॉ. जे एस तोमर। इसके अलावा, आयोजन के प्रमुख आयोजक विजय वर्मा, क्लब सदस्य आशु अरोड़ा और वरिष्ठ समाजसेवी दिलीप कपूर भी मौजूद रहे।
खेल और चिकित्सा का संगम बना यादगार पल
टेनिस खिलाड़ियों और डॉक्टरों का यह सामूहिक आयोजन एक नई मिसाल बन गया। जहां आमतौर पर खेल के मैदानों में प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है, वहीं यह दृश्य सौहार्द, सम्मान और सेवा भावना का परिचायक बन गया।
डॉक्टर्स डे की भव्यता को मिला सामाजिक मान्यता का रूप
इस आयोजन ने साफ कर दिया कि समाज अब सिर्फ सरकारी आयोजनों पर निर्भर नहीं है, बल्कि आम लोग भी अब समाजसेवा से जुड़े व्यक्तित्वों को सराहने लगे हैं। डॉक्टरों के योगदान को समाज के हर वर्ग द्वारा खुले दिल से स्वीकारा जा रहा है।
डॉक्टरों के लिए भी रहा खास दिन
इस कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टरों के लिए यह दिन भावनात्मक रूप से काफी खास रहा। उन्हें मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया, क्लब के खिलाड़ियों द्वारा फूल-मालाएं पहनाई गईं और हर किसी ने डॉक्टरों के प्रति अपने अनुभव साझा किए। यह दिन डॉक्टरों के लिए भी एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचारक बना।
डॉक्टर्स डे जैसे आयोजनों की समाज में जरूरत
डॉक्टर्स डे को इस रूप में मनाना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि नई सोच का प्रतीक है। ऐसे आयोजन समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं, और लोगों में डॉक्टरों के प्रति सम्मान का भाव और अधिक मजबूत होता है।
ऐसे आयोजनों से समाज को मिलती है नई दिशा
जब खेल से जुड़े लोग समाज के प्रति जिम्मेदारी महसूस करते हैं और डॉक्टरों जैसे सेवा भाव से जुड़े पेशेवरों को सम्मानित करते हैं, तो इससे समाज को एक सकारात्मक दिशा मिलती है। मुजफ्फरनगर सर्विस क्लब का यह आयोजन आने वाले समय में अन्य शहरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकता है।
**अंत में यही कहा जा सकता है कि डॉक्टर्स डे का यह आयोजन सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि डॉक्टरों के योगदान को सम्मानित करने का एक जरिया बन गया। टेनिस कोर्ट से उठी यह श्रद्धांजलि की गूंज न सिर्फ मुजफ्फरनगर बल्कि पूरे देश को डॉक्टरों के महत्व का पुनः स्मरण कराती है।**