case of cheating of Rs 10 lakh has been registered against the inspector on the orders of the court

एत्माद्दौला थाना, आगरा
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के एत्माद्दौला थाने में एक दरोगा सहित चार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पीड़ित का आरोप है कि दरोगा ने अपने रिश्तेदारों की कंपनी में 10 लाख रुपये निवेश कराए। कुछ महीने बाद ब्याज देना बंद कर दिया। वापस मांगने पर रुपये भी नहीं दिए। दरोगा की तैनाती कानपुर बर्रा थाने के जनता नगर चौकी में है। कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है।

राकेश नगर, नरायच निवासी विपिन कुमार ने कानपुर निवासी सूरज कुमार, लखनऊ निवासी राहुल, नारायण विहार कालोनी (एत्माद्दौला) निवासी पिंकी और अंकुर मिश्रा के खिलाफ केस कराया है। विपिन कुमार ने बताया कि सूरज बचपन का दोस्त है। वह सवा दो साल पहले घर आया। बताया था कि वह दरोगा है। कानपुर में तैनात हैं। नौकरी के साथ फाइनेंस कंपनी के लिए भी काम करते हैं। कंपनी के साझीदार उनके बड़े भाई राहुल और उनके दोस्त अंकुर मिश्रा हैं। बहन पिंकी भी काम करती है। राहुल लखनऊ के गोमती नगर स्थित ऑडिट भवन में ऑडिटर है।

कंपनी जमा धनराशि पर बैंकों से ज्यादा ब्याज देती है। निवेश करने पर हर महीने 2.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। दो महीने पहले आवेदन करने पर पूरा पैसा वापस कर दिया जाता है। सूरज ने अपने भाई, बहन और साझीदार से बात कराई। उन्होंने विश्वास कर लिया। विपिन का आरोप है कि आरोपियों ने कागजात पर हस्ताक्षर कराए। 23 दिसंबर 2020 को उन्होंने पिता शेर सिंह के खाते से पिंकी के खाते में 10 लाख रुपये जमा किए। कंपनी की ओर से 25 हजार रुपये हर महीने खाते में जमा करने का आश्वासन दिया। नवंबर 2021 तक कंपनी ने उनके खाते में 22,234 रुपये जमा किए। इसके बाद रकम नहीं आई। जमा धनराशि वापस मांगने पर दो महीने का समय मांगा।

21 जनवरी 2022 को राहुल ने खाते में नेट बैंकिंग से 40 हजार रुपये जमा करा दिए। बाद में 10 लाख रुपये के चेक का फोटो भेज दिया। मगर, रकम अदा नहीं की। मांगने पर टालमटोल करने लगे। बाद में रकम देने से इन्कार कर दिया। तब से वो भटक रहे हैं। डीसीपी सिटी सूरज राय का कहना है कि साक्ष्य संकलन किए जाएंगे, लेन-देन का मामला है। कंपनी की भी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।



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