Officers kindness policemen From constables to police station chiefs allegations yet getting clean chits

पुलिस आयुक्त कार्यालय, आगरा
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के थाना जगनेर में शिकायत लेकर पहुंचे पीड़ित को ही थानेदार ने बंधक बनाकर कई काम कराए। शिकायत पर पुलिस आयुक्त ने जांच के आदेश किए। मगर, 90 दिन मजदूरी का मामला एक दिन में ही शपथपत्र लेकर निपटा दिया गया। आगरा में यह कोई पहला मामला नहीं है। पुलिस की वसूली और मारपीट के मामले सिर्फ जांच की औपचारिकता तक ही सीमित रहते हैं। कार्रवाई के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाए जाते हैं।

महिला की मौत पर लगे थे आरोप

अप्रैल में जगनेर के गांव नौनी निवासी मनोज शर्मा को अवैध हिरासत में रखकर थर्ड डिग्री दी गई थी। आरोप लगाया गया था कि पति के एनकाउंटर की सूचना पर पत्नी ने खुदकुशी कर ली थी। एक दरोगा और तीन सिपाही निलंबित किए गए। बाद में पीड़ित मनोज की तहरीर पर दो नामजद और 3-4 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया। मगर, अवैध हिरासत में रखकर उत्पीड़न करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई निलंबन तक ही सीमित रह गई। परिजन ने केस दर्ज करने की मांग की थी।

फाउंड्री नगर चौकी में अवैध हिरासत में रख वसूली

जून 2022 में फाउंड्री नगर पुलिस चौकी में सादाबाद के चांदी कारीगरों से वसूली की गई थी। आरोप लगाया था कि एनकाउंटर की धमकी देकर घरवालों से रुपये मंगवाए गए। थाना समाधान दिवस में शिकायत मिलने पर तत्कालीन एसएसपी ने चौकी प्रभारी और दो सिपाही निलंबित किए थे। पीड़ित ने तहरीर दी थी लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ।

पुलिस ने व्यवसायी की दुकान का कराया बैनामा

जुलाई में शाहगंज पुलिस एक व्यवसायी के साथ बेटे और भतीजे को पकड़कर लाई थी। आरोप लगाया कि 3 दिन अवैध हिरासत में रखकर धमकाया गया। पुलिस ने सदर तहसील में ले जाकर किनारी बाजार स्थित उनकी चार करोड़ की दुकान का बैनामा तीसरे व्यक्ति के नाम करा दिया। पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत के बाद प्रकरण की जांच डीसीपी सिटी को दी गई। इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर किया गया।

यह भी हैं मामले

– जून में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के रिश्तेदार ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की थी। कैंजरा घाट पर बासौनी पुलिस ने 28 हजार रुपये लूट लिए थे। मामले में जांच की गई। शिनाख्त परेड कराई गई। दरोगा और 3 सिपाहियों को निलंबित किया गया लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ।

– जून में ही सिकंदरा क्षेत्र में एक ट्रक मालिक को हिरासत में रखकर वसूली की गई थी। पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी थी।

– जनवरी में सिकंदरा की पदम प्राइड चौकी में वसूली का मामला सामने आया था। सौंठ की मंडी निवासी जमील को पकड़ा था। 20 हजार रुपये वसूलने के बाद छोड़ा गया था।

कोर्ट में पीड़ित दे सकते हैं प्रार्थनापत्र

वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत भारद्वाज ने बताया कि जो कानून आम लोगों के लिए है, वही सरकारी कर्मचारियों के लिए भी है। पुलिसकर्मी उत्पीड़न करते हैं तो केस दर्ज किया जा सकता है। अगर, पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है तो कोर्ट में प्रार्थनापत्र दे सकते हैं। केस दर्ज होने पर पुलिस विवेचना करेगी।



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