
आगरा पुलिस की गाड़ी (सांकेतिक तस्वीर)
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आगरा के ताजगंज स्थित रामरघु एग्जॉटिका में 12 अक्तूबर को बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से लेकर कॉल डिटेल तक खंगाली जा रही है। पुलिस को आत्महत्या की जानकारी दी गई थी। मगर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मामला हत्या का निकला। सूचना से कई घंटे पहले प्रबंधक की मौत हो गई थी।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि सचिन उपाध्याय की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें कलक्ट्रेट बार के अध्यक्ष बृजेंद्र रावत, उनके बेटे कृष्णा रावत और बेटी प्रियंका रावत को नामजद किया गया है। प्रियंका सचिन की पत्नी हैं, जबकि बृजेंद्र ससुर और कृष्णा साला है। पोस्टमार्टम 13 अक्तूबर की दोपहर 1:20 बजे हुआ। इसमें मौत 36 घंटे पहले होने का अनुमान लगाया गया, जबकि सूचना 12 अक्तूबर की शाम 5 बजे दी गई। सूचना इतनी देरी क्यों की गई, पुलिस इस पहलू पर जांच कर रही है। साथ ही, घटना वाले दिन मृतक के घर पर कौन-कौन आया, इसके लिए कालोनी में सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे जा रहे हैं। एक नामजद आरोपी की लोकेशन कालोनी की आई है, उससे भी पूछताछ की जा रही है। मृतक सहित अन्य लोगों की कॉल डिटेल खंगाली जाएगी। पत्नी, बच्चों के साथ नौकरानी से भी पूछताछ की जाएगी।
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मुकदमे के विरोध में हड़ताल पर रहे अधिवक्ता
दामाद की हत्या में कलक्ट्रेट बार के अध्यक्ष बृजेंद्र रावत, उनके अधिवक्ता बेटे कृष्णा रावत और बेटी प्रियंका को नामजद किया गया है। इससे अधिवक्ताओं में आक्रोश है। बृहस्पतिवार को कलक्ट्रेट, तहसील में अधिवक्ताओं ने हड़ताल रखी। प्रकरण में सीबीसीआईडी से जांच की मांग की। शुक्रवार को बैठक बुलाई गई है। विरोध जताने वालों में आगरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हरीदत्त शर्मा, सचिव सुनील वशिष्ठ, अमिताभ शर्मा, शैलेंद्र रावत, अनिल शर्मा, हेमंत भारद्वाज, हरिओम शर्मा, लोकेंद्र शर्मा, अनूप शर्मा आदि शामिल रहे।