Muzaffarnagar के चरथावल विकास क्षेत्र में दिव्यांग बच्चों के प्रोत्साहन हेतु एक भव्य आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने अपनी प्रतिभा से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) श्री संदीप भागिया, विशिष्ट अतिथि बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) श्री संदीप कुमार और खंड शिक्षा अधिकारी श्री कमलेश बाबू की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम का आयोजन एआरपी पंकज कुमार त्यागी, एआरपी अंजू त्यागी, एआरपी ऋतु त्यागी और एसआरजी उषा चौहान के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर परिषदीय विद्यालयों के दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी को अचंभित कर दिया। बच्चों की लगन और मेहनत को देखकर वहां मौजूद अधिकारी और शिक्षक उनकी सराहना किए बिना नहीं रह सके।


🎭 बच्चों की प्रतिभा ने किया सबको हैरान

इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न स्कूलों से आए दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने नृत्य, गायन, कविता पाठ और अन्य कलात्मक प्रस्तुतियां दीं। उनकी प्रतिभा और आत्मविश्वास ने यह साबित कर दिया कि दिव्यांगता किसी भी प्रतिभा के आड़े नहीं आ सकती।

पुरस्कृत बच्चों के नाम:
🎖 तृष्णा (प्राथमिक विद्यालय बिरालसी 1)
🎖 दीपिका और अतीफा (सैदपुर)
🎖 उज्जवल (चरथावल एक)
🎖 राजन (किशनपुरा)
🎖 शिवम (बधाई खुर्द)
🎖 परी (पीपल शाह)
🎖 मोहम्मद अहद और अब्दुल अहद (दधेदुखुर्द)
🎖 अरमान (दधेदु कला)
🎖 ज्योति, सबा और जिया (कंपोजिट विद्यालय सैदपुर कला)
🎖 प्रियांशु जैन (खांजापुर)
🎖 मोहम्मद शाहिद (नगला राय)
🎖 रूबी (सैद नगला)
🎖 परी वर्मा (खांजापुर)
🎖 ऋषभ (सलेमपुर)
🎖 अजय कुमार (सैदपुर)
🎖 उर्वशी (देहचंद)

इन बच्चों ने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से यह साबित कर दिया कि मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।


🎤 अधिकारी और शिक्षकों ने बच्चों को किया सम्मानित

कार्यक्रम के अंत में मुख्य विकास अधिकारी श्री संदीप भागिया ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि,
“दिव्यांग बच्चे हमारी प्रेरणा हैं। वे अपने साहस, लगन और मेहनत से यह साबित कर रहे हैं कि कोई भी कमी उनकी सफलता में बाधा नहीं बन सकती। हमें इन्हें हर संभव सहायता और मार्गदर्शन देना चाहिए।”

इसके साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री संदीप कुमार और खंड शिक्षा अधिकारी श्री कमलेश बाबू ने शिक्षकों और आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और समाज में जागरूकता भी फैलती है।


🎓 विशेष शिक्षकों और समन्वयकों की महत्वपूर्ण भूमिका

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला समन्वयक समेकित शिक्षा श्री सुशील जी, संजीव कुमार, अनंतपाल, इरशाद और अरविंद कुमार (स्पेशल एजुकेटर) का विशेष योगदान रहा। उन्होंने बच्चों को सही मार्गदर्शन देकर उनकी प्रतिभा को निखारने में अहम भूमिका निभाई।


🏫 शिक्षा विभाग की पहल – दिव्यांग बच्चों के लिए नई योजनाएं

बेसिक शिक्षा विभाग ने हाल ही में दिव्यांग बच्चों के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें शामिल हैं:
विशेष शिक्षकों की तैनाती – स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेष शिक्षक उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
सहायक उपकरण वितरण योजना – जिन बच्चों को चलने, देखने या सुनने में समस्या है, उन्हें मुफ्त में सहायक उपकरण (व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, ब्रेल किट आदि) दिए जा रहे हैं।
इन्क्लूसिव एजुकेशन प्रोग्राम – दिव्यांग बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ शिक्षा प्राप्त करने के लिए विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं।
स्कॉलरशिप योजनाएं – प्रतिभाशाली दिव्यांग छात्रों को छात्रवृत्ति देकर उनकी शिक्षा को और मजबूत किया जा रहा है।


📢 क्या कहते हैं अभिभावक?

इस कार्यक्रम को देखकर बच्चों के माता-पिता भी बेहद खुश नजर आए। एक अभिभावक ने कहा,
“हमारे बच्चे को पहली बार इतनी बड़ी मंच पर प्रस्तुति देने का अवसर मिला। यह उसके आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा देगा। हमें उम्मीद है कि प्रशासन आगे भी इस तरह के आयोजन करता रहेगा।”


🎯 निष्कर्ष नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत!

इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि दिव्यांग बच्चे किसी से कम नहीं हैं। उनकी मेहनत, आत्मविश्वास और जुनून देखकर हर कोई प्रेरित हुआ। इस तरह के आयोजनों से न केवल दिव्यांग बच्चों का हौसला बढ़ता है, बल्कि समाज में भी जागरूकता फैलती है कि ये बच्चे भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं।

शिक्षा विभाग और प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे कार्यक्रमों को लगातार बढ़ावा दें ताकि हर दिव्यांग बच्चा अपने सपनों को साकार कर सके।



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