Waiting 42 Years for Justice: Survivor Demands Death Penalty for Family Killers

भूरी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार


 4 साल की थी जब मेरे सिर से मां-पिता का साया छीन लिया। न जाने मैं कैसे बच गई। मगर अनाथ हो गई। मासूम भाई-बहन को भी नहीं बख्शा। उनका तो कोई कसूर भी नहीं था। एत्मादपुर के गांव धरैरा में हुए पांच लोगों की हत्या के दाैरान एकमात्र बचने वाली मृतक किसान सुखस्वरूप की बेटी 46 वर्षीय भूरी देवी उर्फ नीतू (तब 4 साल की थीं) ने जब तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में सुना तो उनके जेहन में हत्याकांड की याद ताजा हो गई। उन्होंने घटना के बारे में सिर्फ परिवार के लोगों से बात करते ही सुना था। तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अमर उजाला टीम ने उनसे बात की। वह एक ही बात बोल रही थीं कि जिसने भी उसके अपनों की जान ली है, उन्हें अदालत सख्त सजा दे। वह फांसी की सजा दिलाने के लिए मजबूत पैरवी कराएंगी।

Trending Videos



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *