Saurabh alias Abdullah studied in AMU for seven years

एएमयू
– फोटो : फाइल फोटो

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गाजियाबाद पुलिस द्वारा धर्मांतरण के आरोपों में मुख्य आरोपी सौरभ खुराना उर्फ अब्दुल्लाह के पकड़े जाने के बाद एएमयू हरकत में आया। मसला एएमयू से जुड़ा होने के कारण एएमयू ने दस वर्ष पुराने एक-एक घटनाक्रम व रिकार्ड की जांच के बाद यह दावा किया है कि वह सौरभ नाम से दाखिल हुआ और इसी नाम से अपने घर गया। एएमयू का कैंपस में धर्मांतरण न होने का भी दावा है। हालांकि अभी इस मामले में अंदरखाने खुफिया जांच जारी है। एजेंसियों के द्वारा उस दौर की बारीकियां भी जानी जा रही हैं।

गाजियाबाद पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी के रूप में सौरभ उर्फ अब्दुल्लाह को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि जब वह एएमयू में बीडीएस कर रहा था, तभी उसने धर्मांतरण किया। इसे लेकर युवा भाजपा नेता व पूर्व एएमयू छात्र डा.निशित ने आरोप लगाया कि उस दौर में वह भी बीडीएस कर रहे थे। सौरभ हादी हसन हॉल में रहता था। वहीं उसने धर्मांतरण किया। साथ में पुलिस से एएमयू में धर्मांतरण जमात की गतिविधियों की जांच की मांग की। 

मामला लगातार सुर्खियां बनने पर एएमयू प्रशासन द्वारा दस वर्ष पुराना रिकार्ड खंगाला गया। हादी हसन हॉल तक में जांच की गई। जिसमें यह पाया गया कि सौरभ खुराना उर्फ अब्दुल्ला एएमयू में 2007 में सौरभ नाम से दाखिल हुआ और 2014 में सौरभ नाम से ही घर गया। उसका एक एक रिकार्ड सौरभ के नाम से है। वहीं अभी पूरे मामले में खुफिया एजेंसियों के स्तर से भी जांच की जा रही है। डा.निशित के शिकायती पत्र को भी आधार बना गया है। साथ में आगरा से जुड़े एक अन्य डॉक्टर का नाम आने पर उसे भी जांच का हिस्सा बनाया जा रहा है। हादी हसन हॉल से लेकर अन्य सभी पहलुओं पर दस वर्ष पुराने घटनाक्रमों को देखा जा रहा है। उसी आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा।

गाजियाबाद पुलिस से जुड़े बयान के आधार पर हमने अपने यहां दस वर्ष पुराना रिकार्ड दिखवाया है। यह युवक सौरभ खुराना नाम से दाखिल हुआ और पढ़ाई पूरी करने के बाद इसी नाम से वापस गया। एक एक रिकार्ड इसी नाम से है। इसलिए यह हम कुछ नहीं बता सकते कि यह कब अब्दुल्लाह बना। कब धर्मांतरण किया। हमारे रिकार्ड व जांच से साफ है कि एएमयू में कोई धर्मांतरण नहीं हुआ।-प्रो वसीम अली, प्रॉक्टर, एएमयू



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