
सांकेतिक तस्वीर
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लखीमपुर खीरी जिले के पलिया थाना क्षेत्र के एक गांव की नर्स की मौत के मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। युवती के लिव-इन पार्टनर नावेद ने युवती का असली आधार कार्ड ही गायब कर दिया था, जबकि अपने भी दो अलग-अलग नामों से आधार कार्ड बनवा रखे थे। युवती ने नावेद के संपर्क में आने के बाद अपने वेतन के रुपये घर में देने बंद कर दिए थे।
उसके रुपये से नावेद अपने शौक पूरा करता था। पुलिस की जांच में सामने आया कि युवती खीरी के थाना उचौलिया के ग्राम इब्राहिमपुर निवासी मोहम्मद नावेद के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रहती थी। रविवार को उसकी तबीयत बिगड़ने पर नावेद ने फरहाद के साथ राजकीय मेडिकल कॉलेज में उसे भर्ती कराया था।
पुलिस ने विसरा सुरक्षित किया
जहां उसकी मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कारण स्पष्ट न होने पर विसरा सुरक्षित कर लिया गया था। रिपोर्ट में गर्भपात की दवा खाने से तबीयत बिगड़ने की बात भी सामने आई थी। पुलिस ने मृतका के भाई की तहरीर पर नावेद, फरहाद व मुस्तकीम के खिलाफ हत्या, दुष्कर्म और विधि विरुद्ध धर्मांतरण और एससीएसटी एक्ट में केस दर्ज कर लिया था।
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पुलिस ने नावेद व फरहाद को जेल भेज दिया गया। मंगलवार को पुलिस के साथ आए परिजनों ने युवती के लोदीपुर स्थित कमरे में जाकर जांच की। वहां उसे युवती का आधार कार्ड निशा के नाम से मिला। मृतका के भाई के अनुसार, बहन का असली नाम वाला आधार कार्ड ही नावेद ने गायब कर दिया। धर्मांतरण के लिए उसका दूसरा आधार कार्ड बनवाया था।