यूपी के अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह की बृहस्पतिवार को सुहागिन महिलाओं की कलश यात्रा के साथ शुरुआत हो गई। यह कलश यात्रा सरयू नदी के संत तुलसी घाट से राम मंदिर तक निकाली गई। इसमें सैकड़ों महिलाएं और वैदिक विद्यार्थी शामिल रहे।
कलश यात्रा में शामिल महिलाएं और वैदिक विद्यार्थी अपने हाथों में ध्वज लेकर चल रहे थे। ढोल, नगाड़े और शंख ध्वनि के बीच रामपथ पर निकली कलश यात्रा को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु और स्थानीय नागरिक उमड़ पड़े।
इससे पहले सरयू घाट पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र और राम मंदिर के व्यवस्था प्रभारी गोपाल राव की मौजूदगी में वैदिक आचार्याओं ने प्रायश्चित पूजन, वरुण पूजन और कलश पूजन समेत अन्य अनुष्ठान किया। अनुष्ठान के बीच कलश में सरयू जल लेकर महिलाएं रवाना हुईं। यह सरयू जल से भरे कलश राम मंदिर के पुजारी को सौंप दिए जाएंगे।
मंडप प्रवेश और पंचांग पूजन के साथ अन्य अनुष्ठान होंगे
राम मंदिर में शुक्रवार को ध्वजारोहण समारोह के दूसरे दिन मंडप प्रवेश और पंचांग पूजन के साथ विभिन्न ग्रंथों का पारायण व अन्य अनुष्ठान होंगे। कलश यात्रा के माध्यम से पहुंचाए गए सरयू जल का उपयोग इन अनुष्ठानों में किया जाएगा। 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में मुख्य समारोह के दौरान राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया जाएगा।
