उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रारंभ किए गए वृक्षारोपण महाभियान 2025 की शुरुआत बेहद भावनात्मक और अभिनव अंदाज़ में हुई है। इस महाभियान के अंतर्गत अब हर नवजात शिशु को ‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ दिया जाएगा और उनके परिजनों को एक पौधा भेंट किया जाएगा जिसे उस नवजात की तरह ही पालना होगा।


Muzaffarnagar में सामाजिक वानिकी विभाग की प्रेरणादायक पहल

मुजफ्फरनगर में इस अभियान की शुरुआत कन्हैया पटेल, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग के कुशल नेतृत्व में हुई। उनके मार्गदर्शन में क्षेत्रीय वन अधिकारी आदित्य सोनकर, उप क्षेत्रीय वन अधिकारी विकास कुमार, वन दरोगा श्रीमती दीपांजलि एवं विभागीय स्टाफ ने मिलकर इस कार्यक्रम को साकार किया।

सनातन धर्म महाविद्यालय के स्टाफ श्री विकास वर्मा, अंजुल भूषण, मोहम्मद सलीम, प्रशांत शर्मा, राजेश और विशम्भर पांडेय ने इस आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई, जो इसे सामुदायिक जुड़ाव की दृष्टि से भी एक आदर्श उदाहरण बनाता है।


‘एक पेड़ माँ के नाम’ थीम बनी भावनात्मक आधार

वन महोत्सव-2025 के अंतर्गत आयोजित इस अभियान की थीम “एक पेड़ माँ के नाम” है, जो इसे भावनात्मक गहराई प्रदान करती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल को मातृत्व से जोड़ते हुए जनभागीदारी की भावना को सशक्त किया है।

हर नवजात शिशु के जन्म के साथ एक पौधा लगाकर न सिर्फ उस जीवन का उत्सव मनाया जाएगा, बल्कि उस पौधे की परवरिश उसी नवजात की तरह करने का संदेश भी समाज को दिया जा रहा है।


वृक्षारोपण महाभियान 2025: आंकड़ों में पर्यावरणीय क्रांति

  • लक्ष्य: 35 करोड़ पौधे

  • वर्ष 2017 से 2024 तक 204.92 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं।

  • उत्तर प्रदेश का हरित आवरण 2017 से 2023 तक 3 लाख एकड़ तक बढ़ चुका है – यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

  • 12.60 करोड़ पौधे वन विभाग द्वारा और 22.40 करोड़ अन्य विभागों द्वारा लगाए जाएंगे।

  • 52.43 करोड़ पौधों की नर्सरी पहले से तैयार है, जिनमें औद्योगिक, फलदार, इमारती और छायादार पौधे सम्मिलित हैं।

  • 2500 से अधिक पौधशालाएं राज्य में कार्यरत हैं।


‘प्रोजेक्ट अलंकार’ के तहत हरा होगा हर संस्थान

राज्य के सभी विद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में अब अनिवार्य रूप से छायादार पौधे लगाए जाएंगे। सहजन सहित अन्य औषधीय और पर्यावरणीय लाभकारी पौधों का रोपण होगा।

औद्योगिक क्षेत्र, गौ-आश्रय स्थल, तालाबों, नदियों के तटों, और जल स्रोतों के किनारे भी वृक्षारोपण का केंद्र बनेंगे। नदियों के चैनलाइजेशन और संरक्षण के साथ-साथ जैव विविधता को भी प्रोत्साहन मिलेगा।


पौधों की जियो टैगिंग और सुरक्षा की होगी सख्त निगरानी

प्रत्येक लगाए गए पौधे की जियो टैगिंग की जाएगी ताकि उसकी स्थिति और वृद्धि की नियमित निगरानी की जा सके। साथ ही फेंसिंग और अन्य सुरक्षा उपायों के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि कोई भी पौधा उपेक्षित न रह जाए।


सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़ेगा युवा वर्ग

इस पूरे अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए नुक्कड़ नाटक, चित्रकला, वाद-विवाद, प्रभात फेरी, ग्रीन वॉक, और फोटोग्राफी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसका मकसद युवाओं और आम जनता को पर्यावरण संरक्षण और जल सरंक्षण के प्रति संवेदनशील बनाना है।


मुख्यमंत्री की स्पष्ट अपील: हर किसान लगाए कम से कम एक पौधा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लाभार्थी हर किसान से कम से कम एक पौधा लगाने की अपील की है। उन्होंने इस संकल्प को हीटवेव से ग्रीनवेव की दिशा में उठाया गया ठोस कदम बताया।

विशेष रूप से गोरखपुर लिंक, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, आगरा-लखनऊ और गंगा एक्सप्रेस-वे जैसे प्रमुख मार्गों के किनारे वृक्षारोपण की योजना इस अभियान को बड़ी भौगोलिक सफलता की ओर ले जाती है।


पर्यावरण, मातृत्व और भविष्य की एक अद्भुत त्रयी

ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट और एक पौधे के माध्यम से नवजातों का स्वागत वास्तव में वातावरणीय सौंदर्य, सामाजिक भावनाओं और भावी पीढ़ी की सुरक्षा का प्रतीक बनता जा रहा है। यह अभियान उत्तर प्रदेश को न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में पर्यावरणीय क्रांति के अग्रदूतों में शामिल करेगा।


**यह महाभियान न केवल हरियाली बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है, बल्कि नवजात जीवन का अभिनंदन भी है – एक ऐसा अभिनव प्रयोग जिसमें हर पौधा, हर पेड़, हर नवजात के जीवन की तरह मूल्यवान बन जाएगा।**

 



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