मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar) नवरात्रि का पावन पर्व और आगामी त्यौहार देशभर में उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं। इन मौकों पर भक्तों के लिए उपवास और धार्मिक आयोजनों का विशेष महत्व होता है। ऐसे समय में यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि लोगों को शुद्ध, स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जाएं। इसी को ध्यान में रखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर खाद्य पदार्थों की जांच और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाया। मुजफ्फरनगर जनपद में भी इस अभियान के तहत सख्त कदम उठाए गए और खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए।
खाद्य विभाग का विशेष अभियान
3 अक्टूबर, 2024 को मुजफ्फरनगर जनपद में सहायक आयुक्त खाद्य, श्रीमती अर्चना धीरान के निर्देशन में एक व्यापक अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य था त्यौहारों के दौरान उपभोक्ताओं को खराब या अशुद्ध खाद्य पदार्थों से बचाना और यह सुनिश्चित करना कि सभी को स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य सामग्री प्राप्त हो। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिवकुमार मिश्र के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने विभिन्न व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर खाद्य पदार्थों के नमूने लिए।
जब्त किए गए खाद्य पदार्थ और नमूनों का संग्रह
इस विशेष अभियान के तहत मुजफ्फरनगर की पान मंडी स्थित आदित्य ट्रेडिंग कंपनी से कुट्टू साबूत का एक नमूना जांच के लिए लिया गया। इसके अलावा, वहां से लगभग 500 किलोग्राम कुट्टू भी जब्त किया गया, जिसकी अनुमानित बाजार मूल्य लगभग ₹35,000 थी।
इसी प्रकार, मित्रसेन जगमंदिर दास पान मंडी से मूंगफली दाना का एक नमूना लिया गया और 198 किलोग्राम मूंगफली दाना जब्त किया गया, जिसका बाजार मूल्य लगभग ₹15,500 आंका गया।
ओम शांति प्रोविजन स्टोर, कच्ची सड़क से कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा और काजू का एक-एक नमूना लिया गया। साथ ही 20 किलोग्राम कुट्टू का आटा जब्त किया गया, जिसकी कीमत लगभग ₹2800 थी।
जांच के बाद कानूनी कार्रवाई
इन सभी नमूनों को खाद्य प्रयोगशाला भेज दिया गया है, जहां इनकी गहन जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। यदि नमूनों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या मिलावट पाई जाती है, तो संबंधित व्यापारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की कार्रवाइयों का मुख्य उद्देश्य त्योहारों के दौरान बाजार में मिलावटखोरी और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में कमी को रोकना है।
इस अभियान में खाद्य सुरक्षा अधिकारी वैभव शर्मा, विशाल चौधरी और मनोज कुमार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
क्यों आवश्यक है त्योहारों में खाद्य सुरक्षा?
त्योहारों के समय खाद्य सुरक्षा का महत्व और बढ़ जाता है। क्योंकि नवरात्रि जैसे त्योहारों में अधिकांश लोग उपवास रखते हैं और कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जैसे कि कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना आदि। इन खाद्य पदार्थों में मिलावट होने पर स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। अक्सर त्योहारों के दौरान मांग में वृद्धि के चलते व्यापारी अधिक मुनाफा कमाने के लिए मिलावट का सहारा लेते हैं। ऐसे में खाद्य सुरक्षा विभाग का यह प्रयास सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं को शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक सामग्री मिल सके।
मिलावट की समस्या और इसका प्रभाव
मिलावटखोरी आज के समय में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। चाहे वो दूध में पानी मिलाना हो या खाद्य पदार्थों में केमिकल्स का उपयोग, यह सब उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। खाद्य पदार्थों में मिलावट न सिर्फ शरीर को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि यह संक्रामक बीमारियों को भी जन्म दे सकती है। खासतौर पर नवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों पर मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन करने से उपवास रखने वाले लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए सरकार और खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न कदम उठाए जाते हैं, जिनमें व्यापारियों के खिलाफ छापेमारी, खाद्य पदार्थों की जांच और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई शामिल है।
भविष्य की ओर: सख्त निगरानी की आवश्यकता
खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को निरंतर सख्त निगरानी रखनी होगी। त्योहारों के दौरान विशेष निगरानी अभियान चलाए जाने चाहिए ताकि व्यापारियों द्वारा मिलावट करने के प्रयासों को समय पर रोका जा सके। साथ ही, उपभोक्ताओं को भी जागरूक रहना चाहिए और सस्ते, अनधिकृत स्रोतों से खाद्य सामग्री खरीदने से बचना चाहिए।
सरकार और स्थानीय प्रशासन को भी इस दिशा में निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है, जहां आम जनता को खाद्य पदार्थों की शुद्धता और मिलावट के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जा सके।
मिलावट के खिलाफ लड़ाई में जनता की भागीदारी
मिलावटखोरी को जड़ से समाप्त करने के लिए जनता की भागीदारी बेहद जरूरी है। यदि उपभोक्ता जागरूक होंगे और शुद्ध खाद्य सामग्री की मांग करेंगे, तो व्यापारी मिलावट करने से कतराएंगे। इसके अलावा, अगर उपभोक्ता किसी भी मिलावटी खाद्य पदार्थ का सामना करते हैं, तो उन्हें तुरंत स्थानीय खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचित करना चाहिए ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
इस तरह के अभियान यह साबित करते हैं कि सरकार और प्रशासन लोगों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हैं और मिलावटखोरी के खिलाफ कठोर कदम उठा रहे हैं।
नतीजा: त्यौहारों पर स्वच्छता और सुरक्षा
त्योहारों के दौरान लोगों की सेहत और सुरक्षा सुनिश्चित करना किसी भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। इस तरह के छापेमारी और खाद्य पदार्थों की जांच के अभियान न सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं, बल्कि मिलावटखोरी करने वालों के लिए एक कड़ा संदेश भी देते हैं।
मुजफ्फरनगर में खाद्य विभाग की यह कार्रवाई इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न सिर्फ स्थानीय व्यापारियों को एक चेतावनी मिली है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी यह विश्वास हुआ है कि उन्हें शुद्ध और स्वस्थ खाद्य सामग्री प्राप्त होगी।
त्योहारों के इस समय में, जहां लोग अपने प्रियजनों के साथ खुशियां मनाते हैं, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उन्हें शुद्ध और स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थ मिलें। मिलावटखोरी के खिलाफ यह जंग न सिर्फ सरकार की है, बल्कि आम जनता की भी है। मिलकर हम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं और एक स्वस्थ और स्वच्छ समाज का निर्माण कर सकते हैं।