मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar): पुलिस अधीक्षक अपराध श्रीमती इन्दु सिद्धार्थ ने आज रिजर्व पुलिस लाइन सभागार में मिशन शक्ति 5.0 अभियान के अंतर्गत नाबालिगों से संबंधित मामलों में वैधानिक कार्यवाही हेतु एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया। इस बैठक में थाना एएचटी/एसजेपीयू और थानों पर नियुक्त बाल कल्याण अधिकारियों के साथ मिलकर नाबालिगों से संबंधित प्रकरणों के वैधानिक दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए विशेष चर्चा की गई।

गोष्ठी में महत्वपूर्ण चर्चा:

गोष्ठी के दौरान श्रीमती इन्दु सिद्धार्थ ने थानों पर नाबालिगों से जुड़े प्रकरणों की गहन समीक्षा की और विभिन्न विधिक प्रावधानों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि बालश्रम, भिक्षावृत्ति, कोटपा एक्ट, मानव तस्करी, पोक्सो एक्ट और जे.जे. एक्ट के अंतर्गत नाबालिगों से जुड़े मामलों में तत्परता से और संवेदनशीलता से कार्यवाही करनी चाहिए। इन मामलों में पीड़ित के अधिकारों और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

एसओपी के अनुपालन की महत्ता:

श्रीमती इन्दु सिद्धार्थ ने विशेष रूप से नाबालिगों से संबंधित मामलों में एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के अनुपालन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि जांच प्रक्रिया पारदर्शी और न्यायपूर्ण होनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की चूक से बचा जा सके। साथ ही, नाबालिगों के मामलों में त्वरित कार्यवाही और संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मिशन शक्ति का उद्देश्य:

मिशन शक्ति अभियान का उद्देश्य न केवल महिलाओं और नाबालिगों की सुरक्षा को बढ़ावा देना है, बल्कि उन्हें सशक्त भी बनाना है। श्रीमती सिद्धार्थ ने कहा कि मिशन शक्ति के तहत महिलाओं और नाबालिगों के मामलों में त्वरित, निष्पक्ष और प्रभावी कार्रवाई पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इन मामलों में विश्वास अर्जित करने के लिए पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाएं।

गोष्ठी में उपस्थित अधिकारी:

गोष्ठी में विभिन्न पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया, जिनमें बड़ब अध्यक्ष श्रीमती रेनू पवार, एपीओ नितिन कुमार, विधिक सेवा प्राधिकरण से गौरव मलिक, थाना एएचटी, एसजेपीयू के अधिकारी और सभी थानों पर नियुक्त बाल कल्याण अधिकारी शामिल थे। सभी उपस्थित अधिकारियों ने गोष्ठी के दौरान नाबालिगों से संबंधित मामलों में कानून के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए अपने विचार साझा किए।

समाज में जागरूकता और शिक्षा:

इस बैठक में यह भी चर्चा की गई कि नाबालिगों से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने के लिए पुलिस अधिकारियों को समाज में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ पुलिस के प्रति विश्वास को भी बढ़ाना चाहिए। इसके लिए, पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है ताकि वे नाबालिगों से जुड़े मामलों में अधिक सटीक और प्रभावी तरीके से कार्य कर सकें।

अगले कदम:

आने वाले दिनों में मिशन शक्ति के तहत नाबालिगों और महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पुलिस विभाग इस अभियान के माध्यम से न केवल अपराधों में कमी लाने की कोशिश करेगा, बल्कि समाज में एक जागरूकता लाने की दिशा में भी काम करेगा। इसके तहत, पुलिस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अधिक सशक्त और संवेदनशील तरीके से काम कर सकें।

मिशन शक्ति 5.0 अभियान के अंतर्गत यह गोष्ठी न केवल नाबालिगों से संबंधित मामलों में कानून का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई, बल्कि यह एक बड़ा कदम है समाज में जागरूकता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए। इस अभियान के तहत, पुलिस अधिकारी समाज में विश्वास और सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।



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