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नगर पंचायत चुनाव में भाजपा को जबर्दस्त बढ़त मिली है। भाजपा को करीब 12 फीसदी अधिक सीटें मिली हैं। जबकि सपा को चार फीसदी और बसपा को साढ़े तीन फीसदी का नुकसान हुआ है। वर्ष 2017 में नगर पंचायत अध्यक्ष के 438 पद पर चुनाव हुए थे। इस बार यह संख्या बढ़कर 544 हो गई।
नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर वर्ष 2017 में भाजपा ने 100 सीटें जीतें थीं। यह कुल सीटों का 22.83 प्रतिशत था। वर्ष 2023 में 189 (34.74%) सीटों पर विजय मिली है। वहीं, रालोद 3 (0.63%) सीट से बढ़कर 7 (1.29%) सीट पर पहुंच गई। जबकि सपा 83 (18.95%) से घटकर 78 (14.34%) सीटों पर आ गई है। बसपा 45 (10.27%) से घटकर 36 (6.62%) पर पहुंच गई।
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कांग्रेस 17 (3.88%) से घटकर 13 (2.39%) पर पहुंच गई। इसी तरह आम आदमी पार्टी दो सीट से बढ़कर छह सीट पर पहुंच गई। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिम (एआईएमआईएम) एक से बढ़कर दो और फॉरवर्ड ब्लॉक एक और राष्ट्रीय जनता दल दो से बढ़कर तीन हो गई। वहीं, निर्दलीय 41.55 प्रतिशत से घटकर 35.29 प्रतिशत सीट पर आ गई है।
नगर पंचायत सदस्यों की संख्या भी हुई कम
वर्ष 2017 में नगर पंचायत सदस्यों की संख्या 5,434 थी। इस बार बढ़कर 7,178 हो गई है। चुनाव आयोग की रात 11 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के पिछली बार के 664 (12.22%) सदस्य थे। इस बार इनकी संख्या बढ़कर 1396 (19.45%) हो गई है। इसी तरह सपा के सदस्य 453 से 483 हो गए लेकिन कुल सदस्य संख्या में वह 8.34% से घटकर 6.73% पर आ गई है।
बसपा के 218 (4.01%) से घटकर 213 (2.97%), कांग्रेस के 126 (2.32%) से घटकर 77 (1.07%) पर पहुंच गई। इसी तरह आम आदमी पार्टी के 19 से बढ़कर 61, एआईएमआईएम के 6 से बढ़कर 22, फॉरवर्ड ब्लाक के 13 से घटकर आठ पर पहुंच गई। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी एक सीट पर इस बार भी बरकरार रही।
पिछली बार माकपा एक सीट पर थी और इस बार भाकपा ने तीन सीट जीत ली है। राजद के छह से घटकर तीन पर पर पहुंच गई है। शिवसेना का पिछली बार एक सदस्य था, इस बार कोई सदस्य नहीं है। इसी तरह निर्दलीयों की संख्या 71% से घटकर 66.92% पर पहुंच गई है।