
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर
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भाजपा के सहारे लोकसभा चुनाव में खाता खोलने का सपना देख रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का कद निकाय चुनाव के परिणामों पर निर्भर करेगा। उधर, भाजपा भी पूर्वांचल की उन निकायों के परिणामों पर नजर रखेगी, जिन निकायों में सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अपनी जाति के प्रभाव वाला बताकर चुनाव लड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि निकाय चुनाव में सुभासपा को मिले जनाधार ही लोकसभा चुनाव में भाजपा और सुभासपा के संबंधों का आधार तय करेगी। इसके आधार पर ही लोस चुनाव के मद्देनजर आगे के रिश्ते का फॉर्मूला तय होगा।
सपा से गठबंधन टूटने के बाद से ही सुभासपा अध्यक्ष का नजरिया भाजपा को लेकर बदला है। उनके तेवर जहां नरम हुए हैं, वहीं उन्होंने भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात करके भाजपा के साथ फिर से जुड़ने के संकेत भी दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि राजभर चाहते थे कि लोकसभा चुनाव से पहले निकाय चुनाव भी भाजपा से मिलकर लड़ा जाए लेकिन बात नहीं बनी तो वह अकेले चुनाव मैदान में उतरे हैं।
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दरअसल निकाय चुनाव में सुभासपा को साथ न लेने के पीछे एक वजह यह भी बताई जा रही है कि भाजपा गठबंधन पर कोई फैसला लेने से पहले निकाय चुनाव के जरिए राजभर की जमीनी पकड़ को परखना चाहती है। उधर भाजपा का साथ न मिलने से मायूस राजभर भी नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में बड़ी संख्या में उम्मीदवार उतारा है ताकि भाजपा को यह संदेश दे सकें कि उनकी किस क्षेत्र में कितनी पकड़ है। वह लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए कितने फायदेमंद हो सकते हैं। इसी उद्देश्य से राजभर ने अपनी जाति के प्रभाव वाले पूर्वांचल के सभी 27 जिलों के निकायों में बड़ी संख्या में अध्यक्ष से लेकर पार्षद तक के उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है।
लोस चुनाव में मोलभाव का बनेगा पैमाना
निकाय चुनाव के बहाने सुभासपा भी भाजपा के सामने अपने जनाधार का प्रदर्शन करना चाहती है। सुभासपा की रणनीति है कि पूर्वांचल के निकायों में सर्वाधिक उम्मीदवारों को जीताकर या वोट प्रतिशत बढ़ाया जाए। वहीं, सुभासपा अध्यक्ष समेत पार्टी के सभी नेता पूर्वांचल पर अधिक फोकस किए हुए हैं। चूंकि सुभासपा लोकसभा चुनाव में मऊ, बलिया और गाजीपुर जिले के ही किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहती है, इसलिए इन तीन जिलों के संबंधित निकायों में ही बेहतर परिणाम लाने को लेकर अधिक सक्रिय है। ताकि लोकसभा चुनाव में इसी के आधार पर मोलभाव किया जा सके।