Silence in the village after the accused were convicted

निघासन कांड के दोषी
– फोटो : अमर उजाला

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लखीमपुर खीरी के निघासन क्षेत्र में पिछले साल 14 सितंबर को अनुसूचित जाति की दो सगी नाबालिग बहनों की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में शुक्रवार को चार आरोपियों को दोष सिद्ध किए जाने के बाद गांव में जहां सन्नाटा पसरा रहा, वहीं दबी जुबान में चर्चाओं का दौर गरम है। पीड़ित परिवार ने कोर्ट की सराहना करते हुए न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा जताया। वहीं, आरोपी पक्ष के परिजन भी कह रहे हैं कि उन्हें कोर्ट पर भरोसा है।

परिजनों ने आरोपियों को सजा-ए- मौत मिलने पर ही संतुष्टि मिलने की बात की है। मृतक बहनों के पिता ने बताया कि कोर्ट का फैसला निष्पक्ष है। मां ने कहा कि भगवान के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं है। हत्यारों ने जिस तरह से उनको रुलाया है, फांसी से कम सजा न मिले। गांव के लोगों ने कहा कि यदि ऐसे ही मामलों में सजा मिले, तो शायद अपराध कम हो जाएं। कहा कि बाल अपचारियों का भी बराबर का दोष है। उन्हें भी जल्द सजा मिले।

गांवों में हर जगह होती रही चर्चा

गांवों में हर जगह आरोपियों पर दोष सिद्ध होने पर लोग चर्चा कर रहे थे। उनका मानना है कि अब बच्चियां सुरक्षित रहेंगी। अपराधियों में भय नहीं रहेगा। कई लोगों ने बताया कि दोनों पक्ष पासपड़ोस के हैं। इस पर वह कुछ खुलकर कहने से तो बच रहे हैं, लेकिन अदालत के फैसले पर उनको भरोसा है। गांव के कई लोगों ने बताया कि कम से कम उम्रकैद की सजा होनी चाहिये, जिससे आरोपी जेल से बाहर न निकल सकें।



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