
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
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शासन के निर्देश पर न तो जनता व उद्यमियों के आवेदन निस्तारण हुआ और न ही लापरवाह अधिकारियों के दायित्व का निर्धारण ही हो सका है। निवेश मित्र पोर्टल पर ट्रेड लाइसेंस, इंडस्ट्रियल वाटर कनेक्शन, साइनेज प्रापर्टी, प्रापर्टी म्यूटेशन और ई-नगर सेवा से संबंधित आवेदनों का निस्तारण न होने पर शासन बीते दो वर्षों से अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश देता आ रहा है, लेकिन अब तक निकायों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है । इस स्थिति पर शासन ने नाराजगी जताया है और सभी नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।
बता दें कि आम जनता की सहूलियत के लिए नगर निकायों में ट्रेड लाइसेंस, इंडस्ट्रियल वाटर कनेक्शन, साइनेज प्रापर्टी, प्रापर्टी म्यूटेशन आदि से संबंधित आवेदनों के निस्तारण की ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई है । इन कार्यों के लिए ई-नगर सेवा और निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से आवेदन लेने की व्यवस्था है । जिसमें एक निश्चित समय सीमा के भीतर आवदेनों का करना अनिवार्य था। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद तमाम लोगों के आवेदन भी पोर्टल और ई-नगर सेवा पर आने भी शुरू हो गए, लेकिन नगर निकायों के स्तर पर इन आवेदनों का निस्तारण समय सीमा के भीतर नहीं हो पा रहा है।
शासन स्तर पर हुई समीक्षा में पाया गया था कि अधिकांश नगर निकायों में निवेश मित्र पोर्टल और ई-नगर सेवा पर मिले ट्रेड लाइसेंस, इंडस्ट्रियल वाटर कनेक्शन, साइनेज प्रापर्टी, प्रापर्टी म्यूटेशन से संबंधित आवेदन लंबित हैं । इस पर शासन द्वारा इस लापवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का दायित्व निर्धारित करते हुए उनके बारे में रिपोर्ट तलब किया जा रहा है, लेकिन दो साल में किसी निकाय ने इस संबंध में रिपोर्ट नहीं भेजी। अब एक बार फिर स्थानीय निकाय निदेशालय ने सभी नगर निकायों से ऐसे लापवाह अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए रिपोर्ट मांगी है।
स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से सभी नगर निगमों के नगर आयुक्तों और नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश भेजा गया है। जिसमें लंबित आवेदनों के साथ ही अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए तत्काल रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है ।
निलंबन तक की हो सकती है कार्रवाई
सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट आने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ वेतन रोकने, प्रतिकूल प्रविष्टि देने से लेकर निलंबन तक की कार्यवाही की जाएगी । साथ ही ऐसे अधिकारियों का प्रशासनिक आधार पर तबादला भी किया जाएगा । निदेशालय ने रिपोर्ट भेजने के लि अधिकतम एक सप्ताह का समय सीमा भी तय कर दिया है ।
नगर निगमों में सर्वाधिक आवेदन लंबित
निकायों द्वारा रिपोर्ट न भेजे जाने की वजह से निदेशालय के स्तर पर अभी लंबित आवेदनों की सही संख्या तो अभी उपलब्ध नहीं है। पर बताया जा रहा है कि नगर निगमों में सर्वाधिक आवेदन लंबित हैं। इनमें गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली और कानपुर में सबसे अधिक आवेदनों के लंबित होने की शिकायत शासन तक पहुंची है। इस पर संबंधित नगर निकायों से आवेदनों के लंबित होने की वजह समेत विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।