
पुलिस आयुक्त कार्यालय, आगरा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा के कागारौल में कबूतरबाजी का मामला सामने आया है। तीन युवकों ने दुबई और शारजाह भेज दिया, लेकिन वहां युवकों को बंधक बना लिया गया। तीनों युवकों से नौकरी के नाम पर 17.40 लाख रुपये की ठगी की गई। पीड़ित किसी तरह भारत लौटे तो उन्होंने नौकरी का झांसा देने वालों से पैसा वापस मांगा। अब इस मामले में थाना कागारौल में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस जांच कर रही है।
घसकटा, तांतपुर (बसई जगनेर), कागारौल निवासी करन वर्मा ने मुकदमा दर्ज कराया है। उसने पुलिस को बताया कि पुष्पेंद्र (बिजौली, मांट मथुरा) व मेरठ निवासी सिद्धांत कौशिक भी पीड़ित हैं। उन तीनों की मुलाकात अकोला, कागारौल निवासी शैलेंद्र चाहर, उसके भतीजे चिंटू व उसकी पत्नी पूनम देवी से हुई थी।
शैलेंद्र ने बताया कि उसकी अच्छी सेटिंग है। वह मर्चेंट नेवी में नौकरी लगवा लेगा। उसने अपने भतीजे चिंटू के मर्चेंट नेवी के फर्जी प्रपत्र भी दिखाए। उन्हें भरोसा हो गया। आरोपियों ने करन से 5.2 लाख, पुष्पेंद्र से 7 लाख व सिद्धांत से 5.2 लाख रुपये लिए। तीनों को चार दिन के वीजा पर 17 अगस्त 2023 को मर्चेंट नेवी में नियुक्ति के फर्जी प्रपत्र देकर शारजाह और दुबई भेज दिया गया।
करन के अनुसार उसे पोर्ट से जहाज में भेजा गया। पुष्पेंद्र के साथ भी ऐसा ही हुआ। करन का आरोप है कि उसे बंधक बनाकर पीटा गया। जबरन शराब और अफीम का नशा कराया गया। शारजाह में आरोपियों का परिचित अजीत तालान मिला था। उसे पहले से पता था कि उन लोगों के साथ क्या करना है। पूरा खेल साजिश के तहत खेला गया। आरोपियों का मकसद ठगी करने का था।
करन ने पुलिस को बताया कि उसे पूरे दिन में सिर्फ एक रोटी खाने के लिए दी जाती थी। वह रोटी भी उससे ही बनवाई जाती थी। वे लोग जैसे-तैसे उस मुसीबत से निकलकर अपने घर लौटकर आ सके।
उन्होंने आगरा आकर आरोपियों से अपने रुपये मांगे। आरोपियों ने साफ इनकार कर दिया। इंस्पेक्टर कागारौल सुभाष चंद्र पांडेय ने बताया कि मुकदमा लिखा गया है। साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। आरोपियों के खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।