Railway General Manager inspects Etawah Junction, angered by poor quality stonework and a broken road

उत्तर-मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल के रेलवे महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बन रहे सेकेंड एंट्री भवन में चल रहे निर्माण को देखा। भवन में फर्श पर लगाए गए पत्थर की गुणवत्ता खराब देख नाराजगी व्यक्त की। भवन के मुख्य द्वार के बाहर बिछाई गई इंटरलॉकिंग को जगह-जगह उखड़ा देख मुख्य परियोजना प्रबंधक/गति शक्ति यूनिट को दोबारा सही ढंग से निर्माण के निर्देश दिए।

बुधवार दोपहर एक बजे रेलवे महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह परख स्पेशल ट्रेन से स्टेशन पहुंचे। यहां रेलवे अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने प्लेटफार्मों, प्रतीक्षालयों, साफ-सफाई व्यवस्था, यात्री सुविधाओं और निर्माणाधीन परियोजनाओं का बारीकी से जांच की। जीएम ने सबसे पहले अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत निर्माणाधीन 12 मीटर फुट ओवरब्रिज को देखा। इस दौरान इंजीनियर ने कहा कि पुराने भवन को तोड़कर इसको बाहर निकालने की योजना है। जीएम ने पुराने भवन को तोड़ने की मना करते हुए फुट ओवरब्रिज को स्टेशन पर उतारने की डिजाइन बनाने के निर्देश दिए। साथ ही पुराने भवन का नए सिर मरम्मत कराने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने प्रतीक्षालय व शौचालय की साफ-सफाई देखी, जो संतोषजनक मिली। इसके बाद सर्कुलेटिंग एरिया को देखा। यहां उन्होंने इसको और अधिक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और यात्री-अनुकूल बनाने के निर्देश दिए। बाद में वह अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बन रहे सेकेंड इंट्री भवन में चल रहे निर्माण को देखने पहुंचे। यहां फर्श पर बिछाई गई इंटरलॉकिंग ईंट जगह-जगह उखड़ी मिलने पर नाराजगी व्यक्त कर उसे उखाड़कर दोबारा लगाने को मुख्य परियोजना प्रबंधक/गति शक्ति यूनिट मनीष वर्मा से कहा। साथ ही भवन के दूसरी खाली पड़ी जगह को सीमेंट कराकर पौधे लगाने को कहा। साथ ही सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। साथ ही निर्माणाधीन फुट ओवरब्रिज को लेकर उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन महीनों में इसका कार्य पूरा हो जाएगा। इस मौके पर प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक/उत्तर मध्य रेलवे, शरद चंद्रायन, डीआरएम रजनीश अग्रवाल, सचिव महाप्रबंधक अखिल शुक्ला, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक आकांशु गोविल, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कोचिंग हरिमोहन समेत मंडल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।



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