Muzaffarnagar। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। भारतीय सीमा की हिफाजत में तैनात सुरक्षाबलों की आंखों में आंसू हैं और नागरिकों के दिलों में गुस्सा उबल रहा है। और अगर जनाक्रोश की बात की जाए, तो उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर इस समय आतंक के खिलाफ खड़ा हो चुका है—एक आवाज़, एक आग और एक आंदोलन।

🔥 शिव चौक पर ABVP का गरजता प्रदर्शन

शहर के हृदय स्थल शिव चौक पर आज जो नज़ारा देखने को मिला, वह इतिहास में दर्ज होने लायक था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने आतंकवाद का पुतला दहन कर न केवल विरोध जताया, बल्कि केंद्र सरकार से “घर में घुसकर मारो” की रणनीति अपनाने की खुली मांग भी की।

सैकड़ों की संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारियों ने ‘भारत माता की जय’, ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’, और ‘पाकिस्तान होश में आओ’ जैसे नारे लगाकर पूरे वातावरण को देशभक्ति की गरज में बदल दिया।

🗣️ कार्यकर्ताओं का कड़ा संदेश: अब बर्दाश्त नहीं!

विभाग संगठन मंत्री ओजेश गौड़ ने मंच से हुंकार भरते हुए कहा,

“भारत अब चुप नहीं बैठेगा। सरकार को चाहिए कि आतंकी जहां भी हों, उनको उनके घरों में घुसकर मारे। ये हमला सिर्फ सैलानियों पर नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष की अस्मिता पर है।”

वहीं जिला संयोजक आकाश बालियान ने कहा,

“पहलगाम में जो कायराना हमला हुआ है, वह इस बात का प्रमाण है कि आतंकवाद अब भी जीवित है, लेकिन भारत अब डरने वाला नहीं। सरकार को चाहिए कि वह पाकिस्तान और उसकी पोषित आतंकवादी फैक्ट्रियों को सबक सिखाए।”

अमित शाह की फुर्तीली प्रतिक्रिया: जमीनी हकीकत का जायजा

देश के गृहमंत्री अमित शाह ने स्वयं जम्मू-कश्मीर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और सुरक्षा एजेंसियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की। उन्होंने न केवल पीड़ित परिवारों से बात की, बल्कि हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय अब एक नए ‘ऑपरेशन क्लीन कश्मीर’ की तैयारी में है, जिसमें सीमावर्ती इलाकों में आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया जाएगा।

🌍 विदेशी सैलानी भी बने निशाना: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश

इस हमले में कुछ विदेशी नागरिकों के मारे जाने की खबर ने इसे वैश्विक मुद्दा बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस कायराना हमले को कड़ी निंदा के साथ कवर किया है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि भारत को अब सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय छवि की भी सुरक्षा करनी होगी।

📷 मुजफ्फरनगर में विरोध की झलक: एकता की मिसाल

शिव चौक पर मौजूद दर्जनों संगठनों के लोग, व्यापारियों, शिक्षकों, युवाओं और महिलाओं ने भी इस प्रदर्शन में भाग लेकर ये दिखा दिया कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा मुजफ्फरनगर एकजुट है।

उपस्थित प्रमुख कार्यकर्ताओं के नाम:
जयदीप, अर्जुन मलिक, दीपांकर गौतम, सोनिया, उदित, विकास, राहुल, पवन, गौरव मुंडे, शुभम बंसल समेत सैकड़ों ABVP कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक प्रदर्शन में शामिल हुए।

📣 लोग क्या कह रहे हैं – जनता की आवाज़

👉 “अब वक्त आ गया है कि हम सिर्फ मोमबत्ती नहीं जलाएं, बल्कि आतंकी ठिकानों पर बम बरसाएं।” – रामेश्वर, स्थानीय नागरिक
👉 “पहलगाम जैसे हिल स्टेशन को भी निशाना बनाया जाना बताता है कि आतंक अब सैलानियों से भी डरता है।” – रीना, कॉलेज छात्रा
👉 “यह हमला सिर्फ सैनिकों या सैलानियों पर नहीं, यह भारतीय आत्मा पर हमला है।” – प्रमोद, सामाजिक कार्यकर्ता


🛑 निष्क्रिय नहीं, निर्णायक बनें: जनता की मांग

इस घटना ने न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर आतंकवाद का समाधान कब? कब तक जवानों की लाशों पर राजनीति होती रहेगी? कब तक निर्दोषों का खून सड़कों पर बहेगा?

🇮🇳 अब भारत को लेना होगा निर्णायक कदम:

  1. सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 की मांग जोर पकड़ रही है।

  2. राजनयिक स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति।

  3. घरेलू स्तर पर कठोर आतंक विरोधी कानूनों का सख्ती से पालन।

  4. सुरक्षा एजेंसियों को खुली छूट।


📍 समापन पर विशेष बात:

शिव चौक की आग, केवल एक विरोध नहीं था, वो देश की आत्मा की आवाज थी। अब भारत जाग चुका है।
अब हर मुजफ्फरनगर, हर कोना बन रहा है – आतंक के खिलाफ एक ज्वालामुखी।



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