पुरकाजी (Muzaffarnagar) – क्षेत्र के विभिन्न गौ आश्रय स्थलों में पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण में सभी गोवंश स्वस्थ और देखभाल की स्थिति संतोषजनक पाई गई। निरीक्षण अभियान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (CVO) डॉ. जितेन्द्र गुप्ता के कुशल निर्देशन में संचालित किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने गोवंश के स्वास्थ्य परीक्षण, चारे-पानी की उपलब्धता और साफ-सफाई की व्यवस्था का जायजा लिया।


फलौदा विकासखंड पुरकाजी के अस्थाई गो आश्रय स्थल का निरीक्षण – डॉ. मोहित चौहान ने किया स्वास्थ्य परीक्षण

पुरकाजी क्षेत्र के फलौदा विकासखंड में स्थित अस्थायी गो आश्रय स्थल का निरीक्षण डॉ. मोहित चौहान, पशु चिकित्सा अधिकारी, पुरकाजी द्वारा किया गया। इस दौरान गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें एक गोवंश को उपचार की आवश्यकता पाई गई और तत्काल चिकित्सा दी गई।

निरीक्षण के दौरान भूसा, स्वच्छ पेयजल और हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध पाया गया। गोवंश सेवा समिति के सदस्यों की उपस्थिति में पशुओं को मिनरल ब्लॉक खिलाए गए, जिससे उनके पोषण स्तर में सुधार हो सके।

डॉ. चौहान ने बताया कि आश्रय स्थल की साफ-सफाई संतोषजनक स्तर पर है और केयरटेकर नियमित रूप से मौजूद रहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ठंड के मौसम में पशुओं को अतिरिक्त सुरक्षा और पोषण देने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।


मीरापुर में कान्हा गोशाला का निरीक्षण – डॉ. अजय कुमार ने की व्यवस्थाओं की समीक्षा

इसी क्रम में मीरापुर क्षेत्र की कान्हा गोशाला का निरीक्षण डॉ. अजय कुमार, पशु चिकित्सा अधिकारी, मीरापुर द्वारा किया गया। निरीक्षण के दौरान सभी गोवंश पूरी तरह स्वस्थ पाए गए।

डॉ. अजय कुमार ने बताया कि गोशाला में भूसा, हरा चारा और स्वच्छ पेयजल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने केयरटेकर को निर्देश दिया कि पशुओं को नियमित रूप से हरा चारा, खल-चोकर और मिनरल मिक्सचर दिया जाए, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रहे।

उन्होंने साफ-सफाई पर विशेष जोर देते हुए कहा कि गोशाला की स्वच्छता बनाए रखना बीमारियों की रोकथाम के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है।


बड़सू के अस्थाई गौ आश्रय स्थल का निरीक्षण – डॉ. अमीशी ने जाँची स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्था

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेन्द्र गुप्ता के निर्देशन में डॉ. अमीशी, पशु चिकित्सा अधिकारी, बड़सू ने अस्थायी गौ आश्रय स्थल समौली का निरीक्षण किया।

निरीक्षण में पाया गया कि सभी गोवंश स्वस्थ हैं और उनके लिए पर्याप्त हरा चारा, भूसा और चोकर उपलब्ध कराया गया है। ठंड से बचाव के लिए शेड पर तिरपाल लगाई गई है, जिससे पशुओं को सर्दी से राहत मिल सके।

डॉ. अमीशी ने केयरटेकर को निर्देश दिए कि गोवंशों को संतुलित आहार के साथ नियमित स्वास्थ्य जांच कराई जाए और साफ-सफाई में और सुधार लाया जाए।


गोवंशों की सेवा में जुटे अधिकारी – जिला प्रशासन ने दिखाई सक्रियता

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेन्द्र गुप्ता ने बताया कि जिले के सभी गौ आश्रय स्थलों का समय-समय पर निरीक्षण किया जा रहा है। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी स्थल पर भूसा, पानी, हरा चारा या दवाइयों की कमी न हो।

उन्होंने कहा, “गोवंश हमारे समाज की सांस्कृतिक और कृषि परंपरा का अभिन्न हिस्सा हैं। उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। प्रत्येक अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी समस्या की सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई करें।”


ग्रामीणों ने की सराहना – कहा, सरकार ने दी राहत, पशुओं को मिल रहा सही देखभाल

गांव के लोगों और गो सेवा समिति के सदस्यों ने बताया कि अब गौशालाओं की स्थिति पहले से बेहतर हो गई है। पशुओं को नियमित रूप से खाना-पानी मिल रहा है, और चिकित्सा अधिकारी समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कर रहे हैं।

स्थानीय किसान सूरज पाल सिंह ने बताया, “पहले पशुओं की स्थिति खराब थी, लेकिन अब व्यवस्था सुधर गई है। डॉक्टर और केयरटेकर नियमित रूप से आते हैं, जिससे हमें भी भरोसा मिला है कि गोवंश सुरक्षित हैं।”


गौ सेवा और पशु कल्याण के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता

जिला प्रशासन की इस सक्रियता से साफ है कि गौ सेवा और पशु कल्याण को लेकर शासन गंभीर है। लगातार निरीक्षणों से न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि पशुओं के स्वास्थ्य में भी सुधार देखने को मिला है।


पुरकाजी, मीरापुर और बड़सू के निरीक्षणों ने यह संदेश दिया कि जब प्रशासन, पशु चिकित्सक और सेवा समितियाँ एक साथ काम करती हैं, तो गोवंशों का जीवन अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बन सकता है। जिले में अब हर आश्रय स्थल पर स्वच्छता, संतुलित आहार और समय पर चिकित्सा जांच की व्यवस्था एक नई मिसाल कायम कर रही है।



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