राजा जनक ने जानकी के स्वयंवर में भगवान शिव के धनुष पर डोरी चढ़ाने की शर्त रखी। कई राज्यों के राजा पहुंचे लेकिन कोई धनुष को हिला तक नहीं सका। तब राजा जनक और महारानी सुनयना को विचलित देख गुरु विश्वामित्र के आदेश पर श्रीराम ने डोरी चढ़ाई, धनुष टूट गया। श्रीराम के जयकारे गूंज उठे। पता चलने पर भगवान परशुराम क्रोध में पहुंचे। बृहस्पतिवार को रामलीला मैदान में यह मंचन किया गया।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *