Prayagraj Highway: Couldn't even find agency in six years

रायबरेली में मुंशीगंज स्थित सई नदी पर नये पुल का चलता कार्य।

हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी हाईवे को फोरलेन बनाने के कार्य में नहीं आ रही तेजी

छह साल बीत गए, नामित नहीं हो पाई एजेंसी

चार बाईपास और सई नदी पर पुल का चल रहा निर्माण, अक्सर लग रहा जाम

संवाद न्यूज एजेंसी

रायबरेली। भारतीय राष्ट्रीय राज्यमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अफसरों की लापरवाही की वजह से रायबरेली-प्रयागराज हाईवे को फोरलेन बनाने का कार्य कागजों तक सीमित रह गया है। हकीकत ये है कि छह साल से हाईवे को फोरलेन बनाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक एजेंंसी ही नामित नहीं हो पाई है। अफसरों की हीलाहवाली के चलते हाईवे पर सफर करने वाले लोगों को राहत नहीं मिल पाई है। हाईकोर्ट पहले भी इस पर फटकार लगा चुका था, लेकिन इस कार्य में तेजी नहीं आई। अब तीसरी बार बुधवार को हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान लिया और हाईवे के फोरलेन न बनाए जाने पर नाराजगी जताई है। अब देखना ये है कि इस बार अफसर हाईकोर्ट के आदेश पर कितनी तेजी दिखाते हैं।

रायबरेली-प्रयागराज हाईवे टू लेन है। इससे अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है। ऐसे में आने-जाने वाले करीब पांच लाख मुसाफिरों को परेशानी झेलनी पड़ती है। इस समस्या को देखते हुए वर्ष 2017-2018 में हाईवे को फोरलेन करने की प्रक्रिया शुरू कराई गई। हाईवे पर चार बाईपास बनाए जा रहे हैं, जबकि 63 किलोमीटर हाईवे को चौड़ीकरण कराने के लिए अब तक एजेंसी नामित नहीं हो सकी है। यह पूरा कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा कराया जाना है। हाईवे को फोरलेन बनाने की जिस तरह प्रक्रिया चल रही है, उससे उम्मीद नहीं दिखती है कि इस साल यह कार्य शुरू हो पाएगा, क्योंकि अभी तक फोरलेन का निर्माण कराने वाली एजेंसी ही नामित नहीं हो पाई है। ऐसे में हर दिन रायबरेली से प्रयागराज सफर करने वाले लोगों को जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। हाईवे के फोरलेन न बनाए जाने पर हाईकोर्ट अब तक तीन बार फटकार लगा चुका है।

बाईपासों का तो शुरू करा दिया गया निर्माण

रायबरेली-प्रयागराज हाईवे पर जगतपुर, बाबूगंज, ऊंचाहार और प्रतापगढ़ जिले के आलापुर में बाईपास का निर्माण कराया जा रहा है। इन बाईपासों की लंबाई करीब 29 किलोमीटर है। इसके अलावा सई नदी पर दूसरे पुल का निर्माण कराया जा रहा है। यह पूरा कार्य अयोध्या की आरएंडसी इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी करा रही है। वहीं शेष 63 किलोमीटर बाईपास के चौड़ीकरण के लिए दूसरी एजेंसी की खोज हो रही है। अब देखना ये है कि चौड़ीकरण के लिए एजेंसी कब नामित होती है।

इनसेट

चौड़ीकरण में दायरे में रायबरेली के 20 और कुंडा के 41 गांव

रायबरेली-प्रयागराज हाईवे के चौड़ीकरण में रायबरेली जिले के 20 और प्रतापगढ़ जिले के कुंडा तहसील के 41 गांव दायरे में आ रहे हैं। इन गांवों के करीब 16 हजार लोगों को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है।

इनसेट

अब तक हटाए गए 1845 पेड़

चौड़ीकरण और बाईपासों के दायरे में 3284 पेड़ आ रहे थे। इन पेड़ों को वन विभाग व वन निगम को हटाया जाना है। अब तक 1845 पेड़ हटा लिए गए हैं। इसके बावजूद निर्माण कार्य में तेजी नहीं आई, जो दर्शाता है कि किस तरह लापरवाही बरती जा रही है।

दिसंबर तक कार्य शुरू होने की उम्मीद

रायबरेली-प्रयागराज हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य दिसंबर तक शुरू होने की उम्मीद है। टेंडर प्रक्रिया चल रही है, लेकिन एजेंसी अभी तक नामित नहीं हो पाई है। एजेंसी नामित होते ही काम शुरू हो जाएगा। तय समय में चौड़ीकरण काम पूरा कराने का प्रयास होगा।-अंशुमान श्रीवास्तव, साइड इंजीनियर, एनएचएआई



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