Pran Pratistha: Saints will not be allowed with their sticks and kshatra and Paduka.

रामलला।
– फोटो : अमर उजाला

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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 20 से 24 जनवरी के बीच होगी। हालांकि प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी से ही शुरू हो जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राम जन्म भूमि परिसर में करीब 7000 अतिथि मौजूद रहेंगे। सभी अतिथियों को सुरक्षा मानकों का पालन करने के बाद ही परिसर में प्रवेश मिल पाएगा। साधु-संत दंड, छत्र, चंवर व पादुका लेकर परिसर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि समारोह में खेल जगत, कला, साहित्य, भूतपूर्व सैनिक, सेवानिवृत पुलिस अधिकारी, देश के महत्वपूर्ण मंदिरों के प्रतिनिधि, राम जन्मभूमि मंदिर के लिए जीवन बलिदान करने वालों के वंशज, अनुसूचित जाति जनजाति और घुमंतू जाति, बनवासी समाज के लोगों की सूची बनाई जा रही है। समारोह में देश के सभी जिला, प्रदेश से लोग आएंगे। पद्म पुरस्कारों से नवाजे गए लोगों को भी आमंत्रित किया जाएगा। कुछ राजदूत भी आ सकते हैं।

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समारोह में प्रधानमंत्री सहित अन्य कई वीआईपी हस्तियां मौजूद रहेंगी इसलिए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होंगे। राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करने वाले सभी अतिथियों को सुरक्षा मानकों का पालन करने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक-दो किलोमीटर अतिथियों को पैदल भी चलना पड़ सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य व परिस्थितियों का ध्यान रखते हुए ही अतिथि अयोध्या आए।

राम जन्मभूमि परिसर में अतिथियों को तीन से चार घंटे तक बैठना भी पड़ सकता है। प्रधानमंत्री के जाने के बाद ही सभी अतिथियों को रामलला का दर्शन कराया जा सकेगा। उन्होंने वृद्ध साधु-संतों से प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने के बजाय फरवरी में आने की अपील की ताकि उनका यथोचित सम्मान हो सके। 

चंपत राय ने कहा कि राम जन्मभूमि परिसर में दंड, छत्र व पादुका ले जाने पर रोक रहेगी। परिसर की सुरक्षा एसपीजी के हवाले होगी उसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं होता है। ऐसे में साधु संतों से अपील की जा रही है कि वह सुरक्षा मानकों का ध्यान में रखकर ही समारोह में शामिल हों।



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