हादसा स्थल के आगे मोड़ था और टैंकर तेज रफ्तार से आया होगा। ट्रैंकर रफ्तार पर काबू नहीं पा सका और अनियंत्रित होकर तेज टक्कर मार दी। हादसे की जांच करने कानपुर डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर डा. विजय कुमार और प्रयागराज से आरटीओ प्रवर्तन संजीव कुमार गुप्ता करीब रात आठ बजे मौके पर पहुंचे। घटनास्थल पर बारीकी से अधिकारियों ने परखा।
एआरटीओ प्रथम सुरेश चंद्र यादव और एआरटीओ द्वितीय जीएन मिश्रा भी पहुंचे। अधिकारियों ने पहले दोनों वाहनों के चेचिस नंबर के आधार पर कागजात जांचे। दोनों वाहनों के कागजात दुरुस्त मिले। ऑटो जिले में बिना परमिट आने का पता लगा है। टैंकर का पंजीकरण बुलंदशहर और ऑटो का कानपुर देहात में पंजीकरण है। एआरटीओ द्वितीय जीएन मिश्रा ने बताया कि ऑटो में चालक समेत चार लोग बैठाने की अनुमति है। इसमें 11 लोग सवार थे।
ओवरलोड के कारण अक्सर चालक नियंत्रण खो बैठते हैं। मौके पर मोड़ भी है। टैंकर चालक भी तेज रफ्तार में रहा होगा। तेज रफ्तार का अनुमान ऑटो की हालत देेखकर लगाया जा सकता है। करीब दो घंटे टीम मौके पर हादसे की वजह तलाशती रही। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
परिवार के लोग सिलबट्टे बनाने का करते काम
हादसे में दिवंगत परिवार के लोग सिलबट्टा बनाने का काम करते हैं। यह लोग पत्थर काटकर अन्य वस्तुएं भी बनाता है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में घूमकर सिलबट्टे टांकते हैं।
शवों की पहचान में कई घंटे गुजरे
हादसे में ऑटो सवार दो को छोड़कर सभी लोग जान गवां बैठे। घायल बच्ची सौम्या और बहादुर की भी हालत नाजुक हो गई। कोई किसी को पहचानने वाला नहीं बचा। जहानाबाद में खबर फैली। सगाई कार्यक्रम वाले परिवार तक खबर पहुंची तो हड़कंप मच गया। यहां मृतक अनिल का भाई राजेश, सतीश परिवार के साथ मौजूद थे। यह लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस मौके से शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेज चुकी थी। जहानाबाद से राजेश, सतीश पोस्टमार्टम हाउस शाम को आए। यहां अनिल और उसके परिवार के शवों की पहचान की।
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