
रीना चौरसिया
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मेरा बूथ, सबसे मजबूत अभियान को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पीएम नरेंद्र मोदी ने रीना चौरसिया से बात क्या की, वह रातोंरात स्टार बन गईं। 27 जून से पहले भले ही रीना की पहचान सीमित रही हो, प्रधानमंत्री के बात करते ही उनकी पहचान का दायरा प्रदेश व देश में बढ़ने लगा है।
पीएम से बात करने के बाद कैसा महसूस कर रही हैं, इस सवाल पर रीना हंसकर कहती हैं, भले ही प्रधानमंत्री कार्यालय को मेरा नाम गलती से रीना के बजाय रानी भेज दिया गया हो, पर अब तो मैं खुद को रानी ही महसूस कर रही हूं। बुधवार को महज 16 घंटे में मुझे फेसबुक पर 500 से अधिक फ्रेंड रिक्वेस्ट आईं। 150 से अधिक फॉलोअर ट्विटर पर बढ़ गए। ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लोग मुझे सोशल मीडिया पर बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं। यह सब बहुत ही प्रेरणा देने वाला है।
सीमित संसाधन वाले एक परिवार से ताल्लुक रखने वाली बेटी के लिए यह सब बहुत मायने रखता है। मेरे खुद के समाज के लोग घर पर आए। समाज के कई प्रमुख लोगों ने मेरा फोन नंबर मांगा। वे सार्वजनिक मंच पर मेरा सम्मान करना चाहते हैं। सेवा भारती के एक बड़े पदाधिकारी और शहर की नामी हस्ती ने भी संपर्क किया। उन्होंने सेवा के काम के लिए अहम जिम्मेदारी संभालने का प्रस्ताव दिया है।
पहली बार पिता किसी कार्यक्रम में गए
रीना के पिता कैलाश चंद्र चौरसिया कोल्डड्रिंक की छोटी ट्रेडिंग एजेंसी चलाते हैं। वह कभी भी रीना के साथ पार्टी संगठन के कार्यक्रमों में नहीं जाते। अलबत्ता मां जिंदा थीं तो जरूर जाती थीं। 2016 में उनका निधन हो गया। प्रधानमंत्री से रूबरू होने के समय पिता भी मौजूद रहे। कैलाश चंद्र कहते हैं, बेटी ने मेरा सिर ऊंचा कर दिया। उसने हमेशा परिवार की जिम्मेदारी उठाई। भाई और छोटी बहन दोनों की शादी हो चुकी है। रीना कहती हैं कि मैंने खुद को समाज की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।
इसलिए हुआ चुनाव
रीना बताती हैं, महिला मोर्चा की मैं नगर महामंत्री हूं। कोरोनाकाल से शीतला माता मंदिर की सेवा प्रमुख हूं।उस दरम्यान लोगों को खाना खिलाने के साथ ही मास्क बनाकर बांटे। इस सबको लगातार नमो एप और सोशल मीडिया पर पीएम को टैग करती रहती। पिछले दिनों ”सेल्फी विद लाभार्थी” अभियान में 1.06 लाख महिलाओं को जोड़ा। इसके लिए नगर क्षेत्र से बाहर जाकर गांवों तक में काम किया। देश में इस अभियान में सबसे अधिक सेल्फी मेरी टीम की हैं। इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने लखनऊ से मुझे चुना।
महिलाओं को जिम्मेदारी मिले
रीना का कहना है कि अभी हाल ही में निकाय चुनाव हुए। सभी 110 वार्ड में महिला मोर्चा की किसी कार्यकर्ता को टिकट नहीं मिल पाया। मेरा कहना है कि महिलाओं को भी जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। वे समाज के हित में काम करने में कहीं अधिक सक्षम हैं।