
मधुमणि त्रिपाठी और अमरमणि त्रिपाठी। (फाइल)
– फोटो : अमर उजाला।
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लखनऊ में कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को भले ही समय से पहले रिहाई मिल गई है, लेकिन बस्ती में दर्ज अपहरण के केस में उसकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब बस्ती की एमपी-एमएलए कोर्ट ने जेल प्रशासन से पूछा है कि आखिर सजा होने के बाद कितने दिन अमरमणि जेल और कितने दिन बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती रहा है।
दरअसल, सीएमओ की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड ने भी कोर्ट को यह बता दिया है कि अमरमणि त्रिपाठी को सिर्फ अवसाद की बीमारी है। इसी आधार पर कोर्ट ने आपत्ति की है कि सिर्फ अवसाद की वजह से भर्ती किया गया है तो कैसे, यह इतनी गंभीर बीमारी तो है नहीं? कोर्ट ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक गोरखपुर को यह आदेश दिया है कि वह व्यक्तिगत रूप से 16 अक्तूबर 2023 तक उपस्थित होकर रिपोर्ट की आख्या प्रस्तुत करें।
जानकारी के मुताबिक, बस्ती में दर्ज अपहरण केस की शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने अमरमणि की मेडिकल रिपोर्ट देखी। सीएमओ गोरखपुर की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड ने यह रिपोर्ट कोर्ट में 11 सितंबर को पेश की थी। इसमें मेडिकल बोर्ड ने बताया है कि अमरमणि का इलाज राज्य चिकित्सा परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देश के अनुसार चल रहा है, उन्हें अवसाद की बीमारी है। कोर्ट ने इस मेडिकल रिपोर्ट पर टिप्पणी करते कहा है कि मात्र अवसाद के आधार पर किसी अभियुक्त को कोर्ट आने से अवमुक्त नहीं किया जा सकता।
इसके अलावा कोर्ट ने सीएमओ गोरखपुर से अमरमणि के इलाज के संबंध में राज्य चिकित्सा परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ की गाइडलाइन की सत्यापित छाया प्रति कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। वहीं, इस मामले में कोर्ट ने पहले ही गैरहाजिर चल रहे दो अन्य आरोपियों को पेश करने के लिए डीजीपी और मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
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