दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान 13 अक्तूबर 2024 को राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या के मामले में एडीजे फर्स्ट पवन कुमार ने 10 मुख्य आरोपियों को दोषी माना। तीन को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया है। सजा 11 दिसंबर को सुनाई जाएगी। पीड़ित पक्ष ने दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की है। हत्याकांड के बाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद एक सप्ताह बाद हालात सामान्य हो सके थे।

बहराइच के महराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान रेहुवा मंसूर गांव निवासी रामगोपाल मिश्रा की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद क्षेत्र में हिंसा भड़क गई। पीड़ित परिजनों की तहरीर पर हरदी थाने में 13 अक्तूबर को ही अब्दुल हमीद, फहीम, सरफराज उर्फ रिंकू, मोहम्मद तालिब उर्फ सबलू, सैफ अली, जावेद खान, खुर्शीद, मोहम्मद जिशान, शोएब खान, मोहम्मद अफजल, ननकऊ, मारुफ अली, शकील अहमद को नामजद कर जेल भेजा गया था।

ये भी पढ़ें – यूपी में कटेंगे तीन करोड़ वोटरों के नाम: चुनाव आयोग का निर्देश, मतदाता सूची से हटाए गए नामों की दोबारा जांच करें



ये भी पढ़ें – संदिग्ध पाकिस्तानियों को भारतीय नागरिकता देने की साजिश नाकाम, देश भर से इस तरह से जुड़ी रहीं कड़ियां; जानिए पूरी कहानी

पुलिस ने 11 जनवरी 2025 को आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। मंगलवार को प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा द्वितीय के कोर्ट ने सुनवाई पूरी की। अभियोजन व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद घटना में नामजद दस अभियुक्तों को दोषी करार दिया, वहीं खुर्शीद, शकील उर्फ बबलू और मोहम्मद अफजाल को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *